किसानों को मालामाल कर देगी आलू की ये टॉप 3 किस्में, जाने पैदावार और कमाई

बहुत से किसान आलू की खेती करना बहुत ज्यादा पसंद भी करते हैं। किसान भाइयों की जानकारी के लिए बता दे की 15 सितंबर से लेकर 25 सितंबर तक आलू की अगेती बुआई होनी चाहिए।
 

The Chopal - बहुत से किसान आलू की खेती करना बहुत ज्यादा पसंद भी करते हैं। किसान भाइयों की जानकारी के लिए बता दे की 15 सितंबर से लेकर 25 सितंबर तक आलू की अगेती बुआई होनी चाहिए। ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए किसानों को आलू की उचित किस्मों का चयन करना चाहिए। किसानों को अच्छी और उन्नत आलू की किस्म की जानकारी न होने के कारण बेहतर पैदावार नहीं मिलता है। गौरतलब है कि खेती में अच्छे पैदावार के लिए बीज की किस्मों का सही चयन करना आवश्यक भी है। आलू की उन्नत किस्मों की खेती से अच्छा उत्पादन प्राप्त नहीं हो सकता। 

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आलू की सर्वश्रेष्ठ तीन किस्म

कुफरी पुखराज (Kufri Pukhraj):

कुफरी पुखराज एक व्हाइट किस्म है और गंगा के तटीय इलाकों में खेती के लिए उपयुक्त है।
यह आलू 100 दिनों के अंदर तैयार हो जाता है और सिंचाई की कमी में भी अच्छा प्रदर्शन करता है।
कुफरी पुखराज से किसान 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक आलू का उत्पादन कर सकते हैं।

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कुफरी अशोक (Kufri Ashok):

कुफरी अशोक किस्म उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, बिहार, असम, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में खेती के लिए उपयुक्त है।
इसके कंद सफेद रंग के होते हैं और यह मात्र 75 दिनों में पककर तैयार हो जाता है।
कुफरी अशोक से होने वाले उत्पादन की बात करें तो 280 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक आलू का उत्पादन हो सकता है।

कुफरी सूर्या (Kufri Surya):

कुफरी सूर्या एक व्हाइट किस्म है और चिप्स के उत्पादन के लिए उपयुक्त है।
यह किस्म मात्र 75 से 80 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और सिंधु गंगा क्षेत्र के लिए बेहतरीन है।
कुफरी सूर्या से होने वाले उत्पादन की बात करें तो 300 से 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक आलू का उत्पादन हो सकता है।
आपके खेत की भूमि और आबादी के आधार पर उपयुक्त किस्म का चयन करें और खेती के लिए सही उपायोग करें। विशेषज्ञ किसानों या कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें और समय पर खेती की देखभाल करें, ताकि आप बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकें।