किसान ने खेत में लगाई यह घास, कई सालों तक चारे की टेंशन खत्म 

 

The Chopal: झुंझुनू के पासी गांव में रहने वाले किसान, सज्जन सिंह, दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त हैं। वर्तमान में वह अपने खेत में हाथी घास की खेती कर रहे हैं। इस हाथी घास की खासियत को जानकर आप चौंक जाएंगे। यह घास पशुओं के लिए बहुत ही उपयुक्त होती है। इसे किसान को खेत में उगाने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होती है, और इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे एक बार उगाने के बाद हरे चारे के लिए किसान को परेशान नहीं होना पड़ता।

यह एक बार उगाने के बाद लगातार 10 साल तक बढ़ती रहती है। इसे नेपियर घास नाम से भी जाना जाता है। यदि इसे काटा न जाए, तो यह लगभग 10 से 15 फुट तक लंबी हो सकती है।

किसान सज्जन सिंह ने बताया कि उनका बेटा हैदराबाद में एमबीए करता था। वहां पर उसने इस हाथी घास के फार्म को देखने के बाद अपने पिता से इस बारे में विचार-विमर्श किया। इसके बाद सज्जन सिंह ने इसे अपने खेत में उगाना शुरू किया। सज्जन सिंह ने यह 5 साल पहले उगाई थी और अबतक लगातार पशुओं को चारा दे रहे हैं।

इसके तने की बुवाई गन्ने की तरह की जाती है। इस घास में प्रोटीन, वसा, फाइबर, आदि की मात्रा भरपूर पाई जाती है। यह पशुओं के लिए बहुत ही उपयुक्त है। इसे शुरूआत में गन्ने की तरह उगाया गया था। किसान ने लगभग ढाई बीघा जमीन में हाथी घास लगा रखी है। इसे लगभग ढाई हजार तने बोये गए हैं। हाथी घास को उगाने के समय उन्होंने डेढ़ फुट की दूरी पर बोया, जिससे यह आज बहुत ही अच्छी अवस्था में पैदावार के रूप में खड़ी है।

इस हाथी घास को कम पानी में भी उगाया जा सकता है। इसलिए यह किसान के लिए बहुत ही फायदेमंद है। नेपियर घास देने के बाद दुधारू पशु को अधिक मात्रा में खाल या कटी देने की आवश्यकता नहीं होती है। यदि किसान ने लगातार नेपियर घास को खिलाया तो उसके पशु में दूध उत्पादन की क्षमता भी बढ़ती है। इसे एक बार उगाने के बाद लगभग 10 साल तक लगातार अपने पशुओं को खिलाया जा सकता है। राजस्थान के किसानों को अभी इस घास की खेती के बारे में अधिक जानकारी नहीं होने की वजह से कुछ चुनिंदा किसान ही इसे उगा रहे हैं।

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