सरकार की ट्विटर को आख़री चेतावनी- नियम मानें नहीं तो अंजाम भुगताने के लिए तैयार रहें, जानें पूरा मामला

अब सरकार और ट्विटर के बीच तनातनी और तेज हो गई है. नए आईटी नियम को लेकर सरकार ने सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को अंतिम चेतावनी दे दी है. सरकार ने शनिवार को ट्विटर से भारतीय अधिकारी को नियुक्त करने का अंतिम मौका दिया है. इसके साथ ही सरकार ने यह भी साफ किया है
 

अब सरकार और ट्विटर के बीच तनातनी और तेज हो गई है. नए आईटी नियम को लेकर सरकार ने सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को अंतिम चेतावनी दे दी है. सरकार ने शनिवार को ट्विटर से भारतीय अधिकारी को नियुक्त करने का अंतिम मौका दिया है. इसके साथ ही सरकार ने यह भी साफ किया है कि ऐसा नहीं करने पर कंपनी परिणामों के लिए तैयार रहे. केंद्र सरकार और सोशल मिडिया प्लेटफार्म ट्विटर के बीच लंबे समय से तकरार जारी है. आज ही कंपनी ने भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का ब्लू टिक बैज हटा दिया था. लेकिन बाद में इसे बहाल भी कर दिया गया था.

केंद्र सरकार ने कहा- ट्विटर को नियमों का जल्द से जल्द पालन करने के लिए अंतिम नोटिस दिया जा रहा है. ऐसा नहीं करने पर आईटी एक्ट 2000 की धारा 79 के तहत मिली छूट को खत्म कर दिया जाएगा और ट्विटर आईटी एक्ट एवं अन्य कानूनों के आधार पर दंड के लिए जिम्मेदार होगा. इससे पहले भी केंद्र सरकार ने कंपनी से भारतीय अधिकारी की नियुक्ति और उसकी जानकारी साझा करने के लिए कह चुकी है. वहीं, खबर मिली थी की गूगल, फेसबुक जैसी कई सोशल मिडिया कंपनियों ने सरकार को जानकारियां दे दी हैं.

वहीं शनिवार यानी की आज ट्विटर ने उपराष्ट्रपति नायडू के निजी अकाउंट से ब्लू टिक बैज हटा लिया. कहा जा रहा था कि कंपनी ने यह कदम 6 महीने तक अकाउंट के निष्क्रिय होने के कारण उठाया था. कंपनी की तरफ से की गई. उपराष्ट्रपति के अलावा ट्विटर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा दिया है. इस मामले पर संघ की तरफ से कड़ी आपत्ति आई है.

वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक प्रवक्ता ने कहा है कि यह ट्विटर की तरफ से अच्छा कदम नहीं था. कहा जा रहा है कि ट्विटर पर भागवत के 2 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और उन्होंने प्लेटफॉर्म जॉइन करने के बाद से ही कोई ट्वीट नहीं किया है. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि भागवत का अकाउंट निष्क्रिय इसलिए है, क्योंकि संघ की संचार व्यवस्था अलग है और बयान इन चैनल्स के जरिए ही जारी किए जाते हैं.

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