फरीदाबाद: 10 हजार अवैध घरों को तोड़ेगा प्रशासन, पूरा इलाका छावनी में तब्दील,

राजधानी दिल्ली में हरियाणा बॉर्डर पर अवैध रूप से बसाई गई खोरी के तकरीबन 10 हजार घरों को आज प्रशासन द्वारा ढहाया जाएगा. सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन कराने के लिए प्रशासन ने हर स्तर पर पूरी तैयारी कर ली है. और हर हालत में कारवाई के लिए तैयार है. पूरा इलाका छावनी में
 

राजधानी दिल्ली में हरियाणा बॉर्डर पर अवैध रूप से बसाई गई खोरी के तकरीबन 10 हजार घरों को आज प्रशासन द्वारा ढहाया जाएगा. सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन कराने के लिए प्रशासन ने हर स्तर पर पूरी तैयारी कर ली है. और हर हालत में कारवाई के लिए तैयार है. पूरा इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है. और भारी पुलिस की तैनाती कर दी गई है…

वहीं अवैध रूप से बसे खोरी वासियों ने भी अपने आशियाने को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है. सोमवार को भी प्रशासन तोडफ़ोड़ की तैयारियों में लगा रहा तथा खोरी वासी शांति प्रस्ताव भेजते रहे. और बातचीत के लिए बोलते रहे…

गौरतलब है कि करीब 20 वर्ष पूर्व राजदीप नामक भू-माफियाओं ने हरियाणा दिल्ली बॉर्डर पर प्रहलादपुर के समीप सैकड़ों एकड़ सरकारी भूखंड पर अवैध रूप से कॉलोनी विकसित कर दी थी. बताया गया है कि भूमाफिया ने 20-20 हजार रुपये लेकर खोरी में यूपी राज्य व राजस्थान राज्य के अलावा मध्य प्रदेश से आए मजदूरों को यहां अवैध रूप से बसा दिया था. वहीं जानकारी बता दें इतना ही नहीं भू माफिया ने दिल्ली से अवैध रूप से बिजली सप्लाई लेकर इन लोगों को बिजली कनेक्शन भी दे दिए थे…

और साथ ही पेयजल की आपूर्ति के लिए दिल्ली जल बोर्ड के टैंकरों से अवैध रूप से पेयजल सप्लाई की जाने लगी. यह अलग बात है रही की भू माफिया की अवैध वसूली में नगर निगम जिला फरीदाबाद के अलावा दिल्ली जल बोर्ड व दिल्ली वद्यिुत निगम के अधिकारियों की भी बराबर की हिस्सेदारी रही…

वहीं बताया जाता है कि जब-जब भी न्यायालय ने खोरी पर सख्ती दिखाई तब-तब ही अधिकारियों ने अवैध रूप से बसे खोरी वासियों को संरक्षण देने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी व कोरा दिखावा कर न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत कर दिए. हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने खोरी के संदर्भ में सख्त रवैया अपनाया तथा सरकार को सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए…

अदालती आदेशों के बाद निगम प्रशासन ने कुछ माह पूर्व खानापूर्ति के लिए 200 के करीब अवैध निर्माणों को धराशाई कर दिया तथा कोर्ट में सबूत पेश कर दिए. निगम द्वारा पेश किए गए सबूतों से अदालत संतुष्ट नहीं हुई तथा सभी अवैध निर्माणों को तोड़े जाने तक कार्रवाई जारी रखने के आदेश दिए. अदालती आदेशों का पालन करने के लिए इस बार प्रशासन ने पूरी-पूरी तैयारी कर ली है.