UP वाराणसी एयरपोर्ट का गिराया जाएगा 1953 में बना ये भवन, बनेगा विमान स्टैंड
The Chopal : वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पुराने टर्मिनल का अस्तित्व अब खत्म हो जाएगा। वर्ष 1953 में बने इस भवन को ध्वस्त कर यहां विमान स्टैंड बनाया जाएगा। बता दें कि नया टर्मिनल 2011 में बनने के बाद इस भवन में एटीसी, वित्त और वाणिज्यिक कार्यालय संचालित होते थे।
एक वर्ष पूर्व वाराणसी एयरपोर्ट पर सात करोड़ की लागत से नया एटीसी भवन बनने के बाद एटीसी का कार्य नए भवन से शुरू हो गया। वहीं वित्त कार्यालय, कार्गो और वाणिज्यिक कार्यालय नए टर्मिनल में शिफ्ट हो गया है। इसके बाद यह भवन खाली हो गया है।
भू-अधिग्रहण होते ही शुरू होंगे कार्य
रनवे के समानांतर बनेगा एलिवेटेड टैक्सी वे एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के साथ ही रनवे के समानांतर टैक्सी वे भी बनाया जाएगा। एयरपोर्ट विस्तार के लिए भू अधिग्रहण का कार्य प्रगति पर है। जमीन की रजिस्ट्री शुरू हो चुकी है। भू-अधिग्रहण होते ही रनवे विस्तार के साथ ही अन्य कार्य शुरू हो जाएंगे।
टैक्सी-वे से होती है आसानी
टैक्सी-वे हवाई अड्डे पर रनवे को रैंप, हैंगर, टर्मिनल और अन्य सुविधाओं से जोड़ने वाला एक पथ होता है। यह रनवे से टर्मिनल क्षेत्र और सर्विस हैंगर तक पहुंच प्रदान करता है। यह टैक्सी-वे का मुख्य कार्य है। टैक्सी-वे बनने से एयरपोर्ट का रनवे ज्यादा व्यस्त नहीं रहता है।
एप्रन तक आने 15-20 मिनट तक समय
विमान लैंड होने के बाद एप्रन तक आने 15-20 मिनट तक समय लगता है। इस दौरान यदि दूसरा विमान लैंड करना चाहे तो उसे हवा में ही होल्ड करना पड़ता है। इसी प्रकार यदि कोई विमान टेक ऑफ की तैयारी कर रहा हो और दूसरा विमान लैंड करने वाला हो तो टेक ऑफ विमान को होल्ड करना पड़ता है। इस कारण यात्रियों को विमान में बैठ इंतज़ार करना पड़ता है, लेकिन टैक्सी वे बन जाने से यह समस्या दूर हो जाएगी।
बनेगी नाइट पार्किंग
भू-अधिग्रहण के बाद वाराणसी एयरपोर्ट पर नाइट पार्किंग भी बनाई जाएगी। अभी तक विमान में तकनीकी खराबी आने पर एप्रन पर ही खड़ा किया जाता था। इससे एयरपोर्ट का एप्रन व्यस्त रहता था और विमान में धूल और गंदगी लग जाती थी।
एक वर्ष पूर्व गो एयर के विमान में तकनीकी खराबी आने के बाद कई माह तक विमान स्टैंड पर ही खड़ा रहा। विमान स्टैंड खाली नहीं था, इससे अन्य विमानों की पार्किंग में दिक्कत होती थी। अब नाइट पार्किंग एयरपोर्ट के रडार के पास स्थित खाली ज़मीन पर बनाई जाएगी।
ये पढ़ें - UP का ये जिला बनेगा वाइल्ड लाइफ टूरिज्म का हब, 529 वर्ग किमी. में होगा टाइगर रिजर्व विकसित