मानसून 2023: इस साल की मॉनसून पर अल नीनो का खतरा, कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे की झेलनी होगी मार

 

Monsoon 2023: इस बार मॉनसून पर मौसमी प्रभाव अल नीनो का खतरा मंडरा रहा है. इसके कारण बारिश सामान्य से काफी कमजोर रहती है और देश को सूखा झेलना पड़ सकता है. साथ ही, मौसम ज्यादा गरम रहने से फसलों पर भी बुरा असर पड़ेगा. उपज कम होने से महंगाई बढ़ेगी. जब प्रशांत महासागर में समुद्र की ऊपरी सतह गरम हो जाती है तो अल नीनो का प्रभाव पड़ता है.

इसका असर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पर पड़ता है. एनओएए यानी राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन ने अनुमान जताया है कि अल नीनो का प्रभाव मई-जुलाई के बीच लौट सकता है. जानकार बताते हैं कि यह अवधि गर्मी और मॉनसून के मौसम को जोड़ती है. मॉनसून जून से सितंबर के बीच सक्रिय रहता है.

वैज्ञानिक मुर्तुगुड्डे के अनुसार, गर्मी में अल नीनो के प्रभाव से बारिश कम होती है. लेकिन यह तय नहीं है, क्योंकि 1997 में ताकतवर अल नीनो के बावजूद सामान्य से ज्यादा बारिस हुई थी, जबकि 2004 में कमजोर अल नीनो के बावजूद गंभीर सूखा पड़ा था.

स्काईमेट वेदर के मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष जी. पी. शर्मा ने बताया कि अल नीनो का पूर्वानुमान नौ महीनों के लिए उपलब्ध है. अल नीनो साल होने पर देश में सूखा पड़ने की आशंका करीब 60% होती है. इस दौरान सामान्य से कम बारिश होने की 30% संभावना रहती है.

साधारण शब्दों में यदि बता दें तो ‘ट्रिपल डिप ला नीना' यह शब्द आपको आने वाले दिनों में कई बार सुनाई देगा. 1950 जबसे रिकॉर्ड रखा जा रहा है अब तक केवल 2 बार दर्ज किया गया है. सन 2023 में तीसरी बार दर्ज किया जाएगा. इसके कारण भारत के ज्यादातर इलाकों में सूखा पड़ने की संभावना है जबकि कुछ इलाकों में भारी बाढ़ आ सकती है. सामान्य मानसून की संभावना बहुत कम है.

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