Monsoon 2024 : गावों के बुजुर्ग टिटहरी पक्षी से अंडों से लगा लेते हैं मानसून बारिश का अनुमान

नए जमाने में आजकल लोग मानसून का अनुमान बहुत सारे यंत्रों के माध्यम से लगते हैं, भाई अगर हम बात करें पुराने जमाने की तो ग्रामीण इलाकों में आजकल भी इस तरह मौसम का अनुमान लगाया जाता है जिस तरह पहले बुजुर्ग लगाते थे और उनका यह अनुमान सही भी निकलता है.
 

The Chopal : नए जमाने में आजकल लोग मानसून का अनुमान बहुत सारे यंत्रों के माध्यम से लगते हैं, भाई अगर हम बात करें पुराने जमाने की तो ग्रामीण इलाकों में आजकल भी इस तरह मौसम का अनुमान लगाया जाता है जिस तरह पहले बुजुर्ग लगाते थे और उनका यह अनुमान सही भी निकलता है.

गांव के लोग टिहरी नामक एक पक्षी के अंडों से मानसून का अंदाजा लगा लेते हैं, उनका मानना है कि अगर टिहरी  जितनी ऊंचाई पर अंडे देगी मानसून उतनी अधिक होगी जबकि समतल जगह पर अंडा देने पर  उनका मानना है कि मानसून अबकी बार कम होगी. टिटहरी जितने अंडे देती है उतने माह बारिश होती है ऐसा उनका मानना है। इस साल रिफाइनरी के पास और सागर जिले के उमरिया गांव में टिटहरी ने चार-चार अंडे दिए हैं। उमरिया निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग किसान वीरसिंह यादव का कहना है कि बचपन में उन्होंने अपने बुजुर्गों से सुना था कि टिटहरी जितने अंडे देती है, उतने माह बारिश होती है। उनका भी 60 साल का अनुभव है और यह बात सटीक निकलती है। टिटहरी ने चार अंडे दिए हैं और उसके अनुसार इस साल चार माह वर्षा होगी। ग्रामीण टिटहरी के अंडों को शुभ संकेत मानते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक इस साल मानसून अच्छा रहने की उम्मीद है। आज के दौर में यह बात सुनने में अटपटी लगेगी, लेकिन जब मानसून सटीक आंकलन करने की तकनीक नहीं थी तब लोग इसी टिटहरी के अंडों को लेकर सानसून का अनुमान लगाते थे और आज भी टिटहरी इसे मानते है।

मौसम विभाग का अनुमान चार माह होगी बारिश

IMD के अनुसार भी इस साल जून से सितंबर तक पूरे देश में मानसून रहने का आइडिया है, जिससे इस वर्ष अच्छी खासी बारिश होगी। जून से सितंबर तक चार महीने  मानसून सक्रिय रहेगा।