इस साल सबसे देरी से आएगा मॉनसून, बिपरजॉय के चलते राजस्थान में घट रही अजीब घटनाएं 

 

The Chopal: देश में पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि मानसून से पहले इतनी बारिश आई हो. राजस्थान में पिछले तीन दिनों में देखें तो सिरोही के शिवगंज में 675 एमएम, पाली के मुठाना में 669, जालोर के आहोर में 657, माउंट आबू में 658, जालोर में 590, पाली के फुटिया में 555, काना और मिठडी में 528, कोट में 522, सिरोही के केर में 525 एमएम बारिश आई है. इसके साथ साथ राजसमंद, बाड़मेर, टोंक के नगरकोर्ट में भी बहुत बारिश हुई है. बाड़मेर और जैसलमेर पूरी तरह से रेगिस्तान हिस्सों में काफी अच्छी बरसात हुई है. 

बिपरजॉय से राजस्थान के कई बांध छलके

राजस्थान में मानसून से पहले बिपरजॉय की वजह से कई बांध अभी से छलकने लगे हैं. राजस्थान में छोटे-बड़े बांध मिलाकर कुल 690 बांध बने हुए हैं. इनमें 278 बड़े और 412 छोटे बांध हैं. अभी 52 बांध लबालब हो चुके हैं. इसके साथ साथ ऐसे भी बांध है, जोकि भरने की कगार पर हैं. टोंक के बीसलपुर बांध में भी 21 सेंटीमीटर से अधिक पानी आया है. यह जयपुर,अजमेर, टोंक की 21 दिनों तक प्यास बुझाने के लिए काफी है.

बिपरजॉय का असर करौली, धौलपुर, भरतपुर के साथ साथ कई जिलों में अभी 21 जून तक रहेगा. इसके साथ साथ अधिक बरसात के कारण वातावरण में काफी नमी आई  है, जिससे भी कहीं-कहीं हल्की से तेज बरसात हुई है. 22 जून से आसमान पूरी तरह से साफ होगा.

हालांकि दो दिन के बाद पूर्वी राजस्थान को लेकर अलर्ट मैसेज किया है. 24 और 25 जून को एक वेदर सिस्टम् एक्टिव हो रहा है. इससे पूर्वी राजस्थान के करौली, धौलपुर, अलवर, भरतपुर, दौसा सहित जयपुर आसपास में बारिश का दौर रहेगा. इसके बाद तापमान में बढ़ोतरी शुरू हो जाएगी और गर्मी का दौर चलेगा.

मानसून में 15 दिन की देरी

अभी पूरे देश में मानसून 8 से 10 दिन देरी से चल रहा है. पहले राजस्थान में 20 जून तक मानसून एक्टिव होने का अनुमान था, लेकिन बिपरजॉय के कारण गणित बिगड़ गया. मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्थान में मानसून की एंट्री जुलाई के पहले सप्ताह के अंत तक में हो सकती है. जुलाई के दूसरे सप्ताह में मानसून पूरी तरह एक्टिव होगा.

अगर ऐसा होता है तो ये पांच साल में सबसे देरी से आना वाला मानसून होगा. साल 2018 में मानसून जून माह के आखिरी सप्ताह में 27 जून को आया था. 2019 में 3 जुलाई को प्रदेश में मानसून की एंट्री हुई थी. 2020 में 24 जून, साल 2021 में 18 जून को मानसून की एंट्री हुई थी. पिछले साल यानी 2022 में 30 जून को मानसून ने राजस्थान में दस्तक दी थी.

बिपरजॉय ने राजस्थान के कई जिलों में तबाही मचाई. मौसम विभाग के एक्सपट्‌र्स का कहना है कि 22 जून से तूफान का प्रभाव खत्म हो सकता है.
बिपरजॉय ने राजस्थान के कई जिलों में तबाही मचाई. मौसम विभाग के एक्सपट्‌र्स का कहना है कि 22 जून से तूफान का प्रभाव खत्म हो सकता है.
अब तापमान बढ़ने से बढ़ेगी गर्मी

बिपरजॉय का असर खत्म होने के बाद 22 जून से धीरे-धीरे तापमान बढ़ने लगेगा. मौसम केंद्र का मानना है कि एक बार फिर 40 डिग्री तक तापमान बढ़ने की संभावना है. तेज गर्मी बनी रहेगी. साथ ही नमी होने के कारण उमस भी काफी बनी रहेगी. मानसून एक्टिव होने के बाद ही गर्मी से राहत मिल सकेगी.

पिछले 10 सालों में अरब सागर से उठे 20 चक्रवात

बिपरजॉय अरब सागर से निकला अब तक का सबसे ताकतवर तूफान है. 13 दिन से बिपरजॉय एक्टिव है. राजस्थान के बाद इसका असर मध्यप्रदेश, हरियाणा और दिल्ली तक पहुंच गया है. अरब सागर से पिछले 10 सालों में करीब 20 चक्रवात बने हैं, जिनमें नीलोफर, वायु, ताउ-ते और बिपरजॉय का ज्यादा असर रहा है. इन चारों का पश्चिमी राजस्थान पर भी असर पड़ा है. बाकी के 16 चक्रवात अरब सागर से निकल कर यमन, ओमान और सोमालिया की ओर निकल गए थे.

ताउ-ते के बाद सबसे अधिक एक्टिव

पिछले 10 सालों में राजस्थान में 2021 में आए ताउ-ते तूफान का ही ज्यादा असर रहा था. ताउ-ते गुजरात से टकरा कर सीधे सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, चितौड़गढ़ से जयपुर तक करीब 8 जिलों में 14 मई से 19 मई 2021 तक एक्टिव रहा था. वहीं, बिपरजॉय की बात करें तो 16 जून से राजस्थान के पांच से ज्यादा जिलों में इसका प्रभाव है. 4 जिलों में बाढ़ के हालत बन गए. बिपरजॉय का असर 21 जून तक रहेगा.

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