Land Acquisition: थर-थर कांपेंगे जमीन पर कब्जा करने वाले, बिना झगड़े उठाएं ये कदम
Property Knowledge: भारतीय संविधान में कई कानून हैं जो आपको आपकी संपत्ति वापस दिला सकते हैं अगर किसी ने आपकी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। आईपीसी की धारा 420 भी इसमें शामिल है।
Property News : अवैध कब्जा किया जाना घरों और जमीन पर पुराने समय से चला या रहा हैं। इस प्रकार के मामले देश सालों साल से चले या रहे है। हालाँकि, अब सभी रिकॉर्ड पूरी तरह से ऑनलाइन होने के कारण बहुत से राज्यों में यह समस्या खत्म हो गई है। फिर भी हमें हर दिन अवैध कब्जे को लेकर विवाद सुनने को मिलता है। यदि कोई अवैध रूप से संपत्ति पर कब्जा कर भी लेता है, तो उससे विवाद करना बेकार है। कब्जा छुड़वाना बहुत आसान है अगर आप चाहते हैं। सरकारी तंत्र खुद इस मामले में मदद करता है, लेकिन बहुत से लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है। यदि आप इसे जान लेंगे, तो आप खुद को कभी ऐसी परेशानियों में नहीं डाल देंगे और दूसरों को भी इस तरह की परेशानियों से बचाएँगे।
पीड़ित को बताना चाहिए कि वह सिविल या आपराधिक मुकदमे दर्ज करने का विकल्प रखता है। हिंसा से देर भली है, लेकिन कानूनी प्रक्रिया कुछ लंबी हो सकती है। लेकिन आप बिना किसी विवाद में पड़े अपनी संपत्ति पर अवैध नियंत्रण को हटा सकते हैं। आज हम आपको संपत्ति पर अवैध नियंत्रण को हटाने के लिए लागू किए जाने वाले कुछ कानूनों के बारे में बता रहे हैं। इसकी पहली तीन धाराएं आपराधिक कानून से संबंधित हैं, जबकि अंतिम धारा सिविल कानून से संबंधित है।
IPC की अनुच्छेद 420
यह काफी चर्चित धारा है. धोखाधड़ी में अक्सर इसका उपयोग किया जाता है। ये कानून लागू किए जा सकते हैं अगर बलपूर्वक किसी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से हटाया गया है। पीड़ित व्यक्ति इसे पहले इस्तेमाल करना चाहिए।
IPC की धारा 406
यह कानून उस वक्त प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का विश्वास पात्र बनकर उसकी प्रॉपर्टी में सेंध लगाता है. इसे संगीन अपराध भी कहा जाता है। इस धारा के तहत पीड़ित व्यक्ति अपने नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कर सकता है।
कानून 467
यह कानून तब लागू होता है अगर फर्जी दस्तावेजों से संपत्ति चुरा ली जाती है। कूटरचना कानून भी इसका नाम है। इसमें कूटनीति के माध्यम से फर्जी दस्तावेज बनाकर संपत्ति हथियाने के मामले को हल किया जाता है।
स्पेसिफिक रिलीफ अधिनियम
ये सिविल नियम है। इसका उपयोग विशिष्ट परिस्थितियों में किया जाता है। इसमें कोई धोखाधड़ी या फर्जी दस्तावेज नहीं बनाए जाते। पीड़ित की संपत्ति पर अकारण कब्जा करना ही आरोपी का काम है। धारा 6 पीड़ित को जल्दी और आसानी से न्याय देने की कोशिश करता है। हालाँकि, इस कानून का एक पेंच है कि गिरफ्तार होने के छह महीने के अंदर ही मुकदमा दर्ज होना चाहिए। दूसरा पेंच यह है कि आप इसके तहत सरकार पर मुकदमा नहीं कर सकते।
आप इनमें से किसी का भी उपयोग कर सकते हैं। यदि आप गलत नहीं हैं, तो सरकार आपकी मदद करेगी और आपको जमीन या संपत्ति मिलेगी। इस तरह के मामलों में आपको भी पेशेवर वकील से परामर्श लेना चाहिए।