Landlord Tenant Rights: 2 महीना किराया ना देने पर मकान मालिक खाली करवा सकता है मकान, जानिए विस्तार से
Tenant Landlord Tenant Rights : देश में हर नागरिक को कई प्रकार के अधिकार दिए जाते है। इन्ही में शामिल मकान मालिक और किरायेदार दोनों को ही कानूनी हक दिए गए हैं। इन नियमों का पालन ना करने पर आप कानून की मदद ले सकते हैं। कई बार ऐसा होता है कि किसी खराब वित्त परिस्थिति की वजह से किरायेदार किराया देने में असमर्थ होते हैं। ऐसे में अगर कोई किरायेदार 2 महीने तक किराया नहीं दे पाता है तो उसको कानून के नियमों के तहत कुछ प्रवाधान दिए गए हैं।
Legal Rights Of Tenant And Landlord : भारत में हर नागरिक को विभिन्न तरह के कानूनी अधिकार प्रदान किए गए हैं। इन्हीं में से कुछ अधिकार किरायेदार और मकान मालिक के भी होते हैं। कई बार किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच विवाद देखने को मिल जाते हैं, इसका एक कारण यह भी है कि अधिकतर लोग इन दोनों तरह के अधिकारों से वाकिफ नहीं होते हैं। ऐसे में इन अधिकारों के बारे में जानकारी होना काफी जरूरी हो जाता है। आज हम आपको किराया न देने पर मकान मालिक और किरायेदार के हक के बारे में बताने जा रहे हैं।
ये होते है नियम
भारतीय कानून के आदर्श किराया अधिनियम, 2021 के मुताबिक अगर मकान मालिक अचानक से किराया बढ़ा देता है तो ये गैरकानूनी है। वह एकदम से ऐसा नहीं कर सकता है। इसके लिए किरायेदार को भी कुछ समय चाहिए, इसलिए मकान मालिक को किराया बढ़ाने से 3 महीने पहले ही अपने किराएदारों को नोटिस देना होगा। बाद रेंट एग्रीमेंट में किराया दर्ज कराये जाने से पहले किराएदार और मकान मालिक दोनों ही आपस में इस बात को तय करते हैं कि रेंट एग्रीमेंट में जो किराया दर्ज किया गया है, मकान मालिक उससे ज्यादा किराया वसूल कर सकता है या नहीं।
2 महीने से ज्यादा नहीं ले सकते एडवांस
यदि कोई भी मकान मालिक किरायेदारों से सिक्योरिटी के रूप में राशि ले रहा है तो ऐसे में वे अपने किरायेदार से दो महीने से ज्यादा का एडवांस नहीं वसूल सकते। इसके अलावा जब किरायेदार मकान खाली कर देता है तो इस परिस्थिति में मकान मालिक को एक महीने के अंदर ही सिक्योरिटी डिपॉजिट की रकम को लौटाना होता है।
ये होते है किरायेदार के हक
अगर किसी वजह से किरायेदार अपने मकान का किराया नहीं दे पता है तो ऐसी परिस्थिति में मकान मालिक को कोई अधिकार नहीं है कि वह किरायेदार को बिजली और पानी की सुविधा से दूर करे। इस स्थिति में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा है कि कोई भी मकान मालिक किरायेदार को बिजली-पानी की सुविधाओं से दूर नहीं कर सकता है।
मकान मालिक ज्यादा दवाब नहीं से सकता
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि मकान मालिक का किराये के घर पर पूरा हक होता है, लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि वो किरायेदार की मर्जी के बिना ही घर में घुस जाए। अगर किरायेदार घर में मौजूद नहीं हैं तो ऐसे में मकान मालिक घर में नहीं घुस सकता है और न ही घर में किसी तरह की कोई तलाशी ले सकता है।
बिना नोटिस के घर खाली नहीं करवा सकते
मकान मालिक द्वारा किरायेदार से मकान खाली कराने को लेकर भी नियम व प्रावधान है। अचानक से मकान मालिक यह फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं है। अगर मकान मालिक किरायेदार से घर खाली कराता है तो ऐसे में उन्हें किराएदार को पहले एक नोटिस देना होगा। बिना किसी जानकारी के मकान मालिक घर को अचानक से खाली नहीं करा सकते हैं। अगर कोई मकान मालिक घर को खाली करता है तो उसे एक ठोस कारण देना होगा। अगर किराएदार अपनी मर्जी से घर खाली करने के बारे में विचार बना रहे हैं तो उन्हें इसकी जानकारी मकान मालिक को एक महीने पहले ही देनी होगी।
घर के मरम्मत की इसकी होगी जिम्मेदारी
अगर किराए के घर में रंग रौगन करवाने या कोई भी मरम्मत करवाने की जरूरत पड़ती है तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से ही मकान मालिक की होती है। वह अपने किराएदार को इसके लिए किरायेदार को नहीं बोल सकता है। अगर वह किरायेदार को इसके लिए बोलता है तो इसके लिए मकान मालिक को मरम्मत की राशि चुकानी पड़ सकती है।
रेंट एग्रीमेंट में रखनी होगी यह शर्त
मकान मालिक किरायेदार से जिन भी शर्तों का पालन कराना चाहता है तो उसे वे सभी शर्तें रेंट एग्रीमेंट में लिखनी होती हैं। क्योंकि जब एक बार रेंट एग्रीमेंट तैयार हो जाता है तो इसके बाद कोई अन्य शर्तों को नहीं थोंपा जा सकता है। अगर कोई मकान मालिक शर्तों को लेकर जबरदस्ती करता है तो उसकी शिकायत की जा सकती है।
मकान मालिक के पास हैं ये अधिकार
- कानून के द्वारा किराएदारों के साथ-साथ मकान मालिक के अधिकारों की रक्षा भी की जाती है।
- अगर किसी किराएदार ने पिछले दो महीने से ज्यादा समय तक मकान का किराया नहीं दिया है तो ऐसी परिस्थिति में मकान मालिक अपना घर खाली करवा सकता है।
- इसके अलावा अगर किरायेदार घर में कोई गैर कानूनी या मकान मालिक को बिना बताए कोई कमर्शियल काम कर रहा है तो ऐसी परिस्थिति में भी मकान मालिक किराएदार से घर को खाली करा सकता हे।
- अगर कोई मकान मालिक किरायेदार से किसी भी परिस्थिति में घर को खाली कराता है तो ऐसे में मालिक को किराएदार को घर से बाहर निकालने के लिए 15 दिन का नोटिस पीरियड देना होगा।
- बता दें कि मकान मालिक को ये पूरा अधिकार होता है कि वो किरायेदार से समय पर किराया ले। हालांकि, अगर किरायेदार कुछ माह तक किराया नहीं दे पाता है तो कोई अपराध नहीं है। इसके साथ ही में अगर मकान मालिक को ऐसा लगता है कि किरायेदार घर का रख-रखाव करने में किसी तरह की कोई लापरवाही कर रहे हैं तो, ऐसी परिस्थिति में मकान मालिक उन्हें टोक सकता है।
- इस धारा के तहत होगी कार्रवाई
- अगर मकान मालिक या किरायेदार आदर्श किराया अधिनियम, 2021 के तहत निर्धारित किसी भी नियम का उल्लंघन करते हैं तो, उनके खिलाफ शिकायत की जा सकती है। किराया प्राधिकरण यानी रेंट अथॉरिटी के पास जाकर आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं। हालांकि, ये कानून केंद्र का है और कई राज्यों ने इसे लागू नहीं किया, लेकिन हर राज्य का अपना अलग कानून हो सकता है जोकि इससे लगभग समान ही है।