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Property Rates : दिल्ली में अब घर खरीदना हो गया सपने की बात, एक साल में यहाँ पहुंचे प्रॉपर्टी रेट

property rates in delhi : दिल्ली और आसपास के इलाकों में घरों की कीमतें बहुत अधिक बढ़ गई हैं। यहां घर प्रोपर्टी खरीदना (property rates in Delhi-NCR) पिछले एक साल में विस्तार पा चुकी कई सुविधाओं, भवन निर्माण सामग्री और मजदूरी की लागत में बढौतरी ने और भी मुश्किल बना दिया है। इस क्षेत्र में पहले से अधिक महंगे और सुंदर घरों की मांग है। इससे लोगों को घर खरीदना मुश्किल हो गया है। निर्माण खर्च और उच्च मांग के कारण दिल्ली-एनसीआर में संपत्ति की दरें एक वर्ष में कहां से कहां पहुंच गईं?

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Property Rates : दिल्ली में अब घर खरीदना हो गया सपने की बात, एक साल में यहाँ पहुंचे प्रॉपर्टी रेट 

The Chopal, property rates in delhi : दिल्ली-NCR में अब संपत्ति खरीदना सपना हो गया है। दैनिक रूप से बढ़ रही संपत्ति की कीमतों के कारण अब अरबपतियों को भी यहाँ संपत्ति खरीदने का मौका मिलने लगा है। अब मध्यमवर्गीय लोगों के पास बहुत कम बजट है, इसलिए उन्हें प्रोपर्टी खरीदना लगभग असंभव हो गया है क्योंकि नवीनतम तकनीक, बेहतर कनेक्टविटी और अन्य सुविधाएं हैं। पिछले एक वर्ष में दिल्ली-एनसीआर में संपत्ति दरों में वृद्धि का आंकड़ा सातवें आसमान पर चला गया है।

प्रोपर्टी रेट में वृद्धि का कारण—

Real Estate से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में संपत्ति (Delhi NCR me property ke rate) के दाम में वृद्धि हुई है क्योंकि भवन निर्माण की सामग्री और कामकाजी खर्चों में वृद्धि हुई है। दिसंबर 2024 से अक्टूबर तक, कई शहरों में संपत्ति की कीमतें बढ़ी हैं। दक्षिणी हैदराबाद के रियल एस्टेट (real estate news) बाजार में पिछले दस वर्षों में बढौतरी की दर धीमी हुई है। बढ़ी निर्माण लागत और श्रमिकों की महंगाई, जो संपत्ति की कीमतों पर असर पड़ा, इस बदलाव का मुख्य कारण हैं। शहरों में आपूर्ति और मांग के हिसाब से मूल्य बदल रहा है।

गुरुग्राम, नोएडा में इतनी अधिक संपत्ति की कीमतें

गुरुग्राम में बहुत सी नई व्यापारिक परियोजनाएं आने से प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। इनसे इस क्षेत्र का विकास तेज होता रहा। यह बदलाव डेवेलपर्स ने कम बजट वाले घरों के बजाय हाई-एंड प्रोजेक्ट्स पर बनाया है।

गुरुग्राम ने सबसे अधिक लाभ 144 प्रतिशत प्राप्त किया, जबकि ग्रेटर नोएडा में 54 प्रतिशत और नोएडा में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो गुरुग्राम से बहुत कम थी। यही कारण है कि देश भर में संपत्ति की कीमतों में 26 प्रतिशत की गिरावट हुई, न कि बढ़ौतरी। इसलिए गुरुग्राम का रियल एस्टेट क्षेत्र लगातार मजबूत होता जा रहा है।

इन शहरों में भी प्रोपर्टी की कीमतें बढ़ गईं-

सर्वे में शामिल प्रमुख शहरी क्षेत्रों में पिछले एक वर्ष में संपत्ति की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं; इनमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, दिल्ली-एनसीआर यानी गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद तथा मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे और पुणे शामिल हैं। इन शहरों में संपत्ति की कीमतों में निरंतर वृद्धि हुई है। विशेष रूप से, दिल्ली-एनसीआर में संपत्ति में निवेश करने वाले लोग अक्सर बहुत पैसे वाले होते हैं। यह ट्रेंड बताता है कि उच्च वर्ग के लोग इस क्षेत्र में अधिक निवेश कर रहे हैं।

मुंबई में संपत्ति की मूल्यवृद्धि—

मुंबई में संपत्ति की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है, जो औसतन प्रति वर्ष १८% बढ़ी है। इस शहर में घर खरीदने के लिए देश के बड़े कारोबारी, फिल्मी सितारे और खेल जगत की हस्तियां उत्सुक हैं। यहां का रियल एस्टेट बाजार विश्व में सबसे महंगा है। यही कारण है कि आम लोगों के लिए यहां घर खरीदना एक सपना बन गया है। महंगे घरों के कारण अधिकांश लोगों को मुंबई में रहने का सपना पूरा करना मुश्किल हो रहा है।

इन लोगों को बढ़ी चुनौती-

मकानों की कीमतों में तेजी से वृद्धि ने लोगों को चिंतित कर दिया है। घर खरीदने की इच्छा और बाजार में बदलाव की उम्मीदें, हालांकि, अभी भी अधूरी हैं। देश की एक बड़ी आबादी जो सरकारी सहायता पर निर्भर है, यह मूल्यवृद्धि एक चुनौती बन सकती है। खरीदारों की राय सकारात्मक होने पर भी, बढ़ी हुई कीमतें खरीददारी पर असर डाल सकती हैं। यह स्थिति उन लोगों के लिए कठिन हो सकती है जो बजट में रहते हुए घर खरीदना चाहते हैं (घर की कीमत दिल्ली-NCR में)। ये चाहते हुए भी घर खरीद नहीं पा रहे हैं।

सरकार से उम्मीद है कि

महंगाई और मंदी के बीच सरकार को सस्ती आवास योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए। टैक्स कानूनों में सुधार और ब्याज दरों में कमी आने वाले बजट में मिडल क्लास परिवारों को उत्साहित कर सकती हैं। इस तरह की कार्रवाई आम लोगों के लिए घर खरीदना आसान बना सकती है।

नीति में बदलाव से उपभोक्ताओं को सस्ते कर्ज का लाभ मिल सकता है, जो उनके जीवन स्तर को सुधारेगा, जिससे अर्थव्यवस्था (भारत) को भी लाभ मिलेगा। यह बदलाव भविष्य में फायदेमंद हो सकता है।  लोग भी बजट (बजट 2025) से बड़ी उम्मीदें लगाए हुए हैं कि सरकार कुछ ठोस कदम उठाएगी ताकि हर परिवार का सपना पूरा हो सके।