The Chopal

Property: प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद में कौनसी धाराएं लगती है, इस तरीके से कर पाएंगे निपटारा

Property Dispute Law : जमीन संबंधी विवादों (land disputes) से जुड़ी कानूनी धाराओं से अधिकांश लोग परिचित नहीं होते हैं। इसलिए, जमीन से जुड़े मामलों (land related matters) से संबंधित कानूनी प्रावधानों और धाराओं का ज्ञान होना बहुत महत्वपूर्ण है। भूमि या संपत्ति से जुड़े मामलों में आपराधिक और सिविल (criminal and civil) दोनों प्रकार के मामलों में कानूनी सहायता प्राप्त करने की अनुमति है, तो आइए जानते हैं इससे जुड़े सभी कानूनों के बारे में...
   Follow Us On   follow Us on
Property: प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद में कौनसी धाराएं लगती है, इस तरीके से कर पाएंगे निपटारा

The Chopal, Property Dispute : जमीन विवादों के निपटान की जानकारी अधिकांश लोगों को पता नहीं है। जमीन संबंधी विवादों (land disputes) से जुड़ी कानूनी धाराओं से अधिकांश लोग परिचित नहीं होते हैं। इस तरह के विवादों से अक्सर आम लोगों को गुजरना पड़ता है। देखा जाता है कि प्रोपर्टी विवाद अक्सर बहुत बड़ा हो जाता है। इसलिए, जमीन से जुड़े मामलों (land related matters) से संबंधित कानूनी प्रावधानों और धाराओं का ज्ञान होना बहुत महत्वपूर्ण है। भूमि या संपत्ति से जुड़े मामलों में आपराधिक और सिविल (criminal and civil) दोनों प्रकार के मामलों में कानूनी सहायता प्राप्त करने की अनुमति है, तो आइए जानते हैं इससे जुड़े सभी कानूनों के बारे में...

IPC की धारा 406 (section 406)

आज के समय में लोग अक्सर भरोसे का गलत फायदा उठाते है। ऐसे लोग विश्वास का फायदा उठाकर जमीन या अन्य संपत्ति पर कब्जा (possession of land or other property) कर लेते हैं, यानी जमीन का अधिग्रहण करते हैं। पीड़ित व्यक्ति इस धारा के मुताबिक अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।  

धारा 467 के बारे में (Section 467)

पीड़ित व्यक्ति IPC धारा 467 के अंतर्गत शिकायत दर्ज करवा सकता है यदि किसी ने उनकी जमीन या अन्य संपत्ति का फर्जी दस्तावेज (forged property document) बनाकर कब्जा कर लिया है। इस तरह जमीन या संपत्ति पर कब्जा (Possession of Land) करने के मामले बहुत ज्यादा देखे जाते हैं। प्रथम श्रेणी के न्यायाधीश इस तरह के मामले को संज्ञेय अपराध मानते हैं। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं माना जाता।

धारा 420 (Section 420)

अलग-अलग तरह के धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े (fraud and forgery) जैसे मामले कानून की इस धारा में शामिल हैं। पीड़ित सेक्शन 420 के अंतर्गत संपत्ति या जमीन से जुड़े विवादों में भी शिकायत कर सकता है।

प्रोपर्टी से जुड़ा सिविल कानून (Property Civil Law)

प्रोपर्टी विवाद (Property Dispute) भी सिविल प्रक्रिया से हल हो सकता है। हालांकि यह प्रक्रिया कभी-कभी लंबा समय लेती है, लेकिन ये आसान और सस्ती प्रक्रिया (cheap and easy process) है। इसका उपयोग किसी की जमीन या संपत्ति पर गैरकानूनी कब्जा (illegal occupation of land or property) करने के मामले को निपटाने में भी किया जा सकता है। ऐसे मामले सिविल कोर्ट में चलाए जाते हैं।

स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट, 1963 (Specific Relief Act 1963)

संबंधी मामलों में त्वरित न्याय (speedy justice) सुनिश्चित करने के लिए यह धारा बनाई गई थी। बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया (legal process) के किसी व्यक्ति से संपत्ति को छीन लेने या जबरदस्ती उस पर कब्जा कर लेने की स्थिति में इस अधिनियम की धारा-6 का इस्तेमाल किया जाता है। धारा-6 में कुछ ऐसे नियम हैं जिनकी आपको जानकारी होनी चाहिए। इससे पीड़ित व्यक्ति को आसान और जल्दी न्याय मिलता है।

धारा-6 से जुड़ी कुछ मुख्य बातें

धारा 6 के अंतर्गत न्यायालय द्वारा पारित किए गए किसी भी आदेश या डिक्री पर अपील नहीं की जा सकती। यह धारा उन मामलों में लागू होती है जिनमें पीड़ित से छह महीने के भीतर जमीन से कब्जा (property possession) छीना हो। अगर मामला छह महीने के बाद दर्ज किया जाता है, तो धारा छह के अंतर्गत न्याय नहीं मिलेगा, बल्कि सामान्य सिविल प्रक्रिया से समाधान किया जाएगा। हालांकि इस धारा के अंतर्गत सरकार के खिलाफ शिकायत नहीं कर सकते हैं। यह संपत्ति का मालिक (Property Owner), किराएदार (lessee) या पट्टेदार (tenant) इसके अंतर्गत मामला दर्ज करवा सकता है।