सिबिल स्कोर को लेकर RBI ने जारी किए 5 नए नियम, इन परेशानियों से मिलेगा छुटकारा
Reserve Bank of India : सिबिल स्कोर हमारे बैंकिंग तरीके को बताता है। उपभोक्ता को लोन आसानी से मिलता है अगर उनके पास RBI सिबिल नियमों का अच्छा स्कोर है। यदि सिबिल स्कोर गड़बड़ है तो लोन नहीं मिलेगा। यह एक संख्या है जो तीन अंकों से बना है। आरबीआई (RBI) ने सिबिल स्कोर से जुड़े पांच नियम बनाए हैं। यदि आप भी बैंक उपभोक्ता हैं या भविष्य में लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो आपको सिबिल स्कोर (CIBIL score) के ये नियम जानना महत्वपूर्ण है।

The Chopal, Reserve Bank of India : भारतीय रिजर्व बैंक ने सिबिल स्कोर (CIBIL Score) में एक बहुत बड़ा बदलाव किया है। सिबिल स्कोर पर आरबीआई ने कुछ नियम बनाए हैं। आरबीआई (RBI) ने सिबिल स्कोर से जुड़ी शिकायतों के कारण पहले से ही नियमों को कड़ा कर दिया है। नए नियमों के अनुसार, क्रेडिट ब्यूरो के डेटा में सुधार नहीं होने की वजह बतानी चाहिए
शिकायतों का विवरण देना होगा
आरबीआई (Reserve Bank of India) ने हाल ही में लागू किए गए नियमों के अनुसार, क्रेडिट ब्यूरो की वेबसाइट पर मिली शिकायतों की संख्या भी बतानी होगी। यह बताना अनिवार्य है। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक ने नए नियम भी बनाए हैं। 26 तारीख से नए नियम लागू हो गए हैं। इन नियमों को बहुत से लोग अभी भी नहीं जानते हैं। इन नियमों को विस्तार से पढ़ें।
CIBIL जांच की जानकारी उपभोक्ता को दी जाएगी
आरबीआई (RBI) की नवीनतम नियमों के अनुसार, अगर कोई बैंक या गैर बैंकिंग फाइनेंशियल एजेंसी (NBFC) किसी उपभोक्ता की क्रेडिट रिपोर्ट, जिसे सिबिल स्कोर कहा जाता है, तो यह जानकारी ग्राहक को भेजी जानी चाहिए। आप इसे एसएमएस या ईमेल से कर सकते हैं। आरबीआई ने ये नियम क्रेडिट स्कोर को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद बनाए हैं।
रिजर्व बैंक ने कहा कि अर्जी को खारिज करने की वजह बतानी होगी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए नए नियमों के अनुसार, मान लीजिए किसी ग्राहक ने कोई आवेदन किया है। उपभोक्ता को खारिज करने की वजह उसे बतानी होगी। जिससे वह इसे आगे के लिए याद रख सकें। साथ ही, सभी क्रेडिट संस्थाओं को रिक्वेस्ट खारिज करने के कारणों की सूची भी भेजनी होगी।
आप पूरी क्रेडिट रिपोर्ट फ्री में देख सकते हैं
भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) कहा कि क्रेडिट संस्थानों को वर्ष में एक बार अपना पूरा क्रेडिट स्कोर उपभोक्ता को दिखाना चाहिए। इसके लिए, क्रेडिट कंपनी केवल अपनी वेबसाइट पर एक लिंक उपलब्ध कर सकती है। इससे ग्राहक अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट देख सकेगा और भविष्य में कमियों को दूर कर सकेगा।
लोन डिफॉल्ट घोषित करने से पहले सूचना प्रदान करें
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए ऋण नियमों के अनुसार, बैंकिंग कंपनी को किसी भी तरह से ग्राहक को डिफॉल्ट रिपोर्ट देने से पहले ग्राहक को जानकारी देनी होगी। वहीं, बैंकों को क्रेडिट स्कोर से जुड़े मुद्दों का समाधान करने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया गया है।
30 दिन में शिकायतों का समाधान होगा
क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी को ग्राहक की शिकायत को 30 दिन के भीतर हल करना होगा। यदि आप ऐसा नहीं करते, तो कंपनी पर प्रतिदिन सौ रुपये का जुर्माना लगेगा। यह कंपनी को अधिक देरी करने पर अधिक जुर्माना लगेगा। इसमें लोन देने वाली संस्था को 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन दिया गया है।
ऋण देने वाली संस्था 21 दिन में निपटारा नहीं करती है तो उसे जुर्माना (Loan rules) देना पड़ेगा; अगर क्रेडिट ब्यूरो शिकायत को 9 दिन बाद में नहीं हल करता है, तो उसे जुर्माना देना पड़ेगा।