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RBI ने 5 बैंकों पर लगाया तगड़ा जुर्माना, कहीं इन बैंकों में आपका तो नहीं अकाउंट

Bank News - भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 19 दिसंबर, गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि हाल ही में उसने पांच बैंकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है। सभी बैंकों ने नियमों का उल्लंघन किया है। ऐसे में, आप इन बैंकों में अपना खाता भी देख सकते हैं:

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RBI ने 5 बैंकों पर लगाया तगड़ा जुर्माना, कहीं इन बैंकों में आपका तो नहीं अकाउंट 

The Chopal, Bank News - महाराष्ट्र के एक बैंक और चार मध्य प्रदेश के बैंकों के खिलाफ आरबीआई ने सख्त कार्रवाई की है। 19 दिसंबर, गुरुवार को रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस कार्रवाई की जानकारी दी। सभी बैंकों ने नियमों का उल्लंघन किया है। नियमों का पालन और वित्तीय प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। आरबीआई बैंकों को बेहतर प्रबंधन की ओर ले जाना चाहता है। (RBI गवर्नर की नवीनतम सूचना)

आरबीआई ने मध्यप्रदेश के श्री वैभव लक्ष्मी महिला नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित (झाबुआ), गुना नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित (शाजापुर) और राज राजेश्वरी महिला नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इंदौर परसपर सहकारी बैंक पर 4.5 लाख रुपये की सीमित सजा लगाई गई है। केंद्रीय बैंक ने भारत को-ऑपरेटिव बैंक (मुंबई) लिमिटेड को 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सभी बैंक नियमों का उल्लंघन करते हैं।

आरबीआई ने बैंकों पर जुर्माना क्यों लगाया? 

वित्त वर्ष 2022-23 का पीएसएल लक्ष्य श्री वैभव लक्ष्मी महिला नागरिक सहकारी बैंक, गुना नागरिक सहकारी बैंक और राज राजेश्वरी महिला नागरिक सहकारी बैंक ने समय पर नहीं पूरा किया। इन बैंकों ने SIBBI द्वारा जारी चेतावनी पत्र के बावजूद MSc पुनर्वित कोर्स में आवश्यक रकम नहीं दी। इसके अलावा, भारत को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड ने कुछ उधारकर्ताओं के लोन खातों को गैर-निष्पादित संपत्ति के रूप में दर्जा देने में असफलता दिखाई, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति खराब हो गई। इन कार्रवाईयों से बैंकों की विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है।

क्या ग्राहकों पर पड़ेगा असर?

Central Bank ने सभी बैंकों को कारण बताओ नोटिस भेजा है। जब जांच के दौरान आरोपों की पुष्टि हुई, तो यह कार्रवाई की गई। आरबीआई का कहना है कि नियमों के अनुपालन में कमियों के कारण यह निर्णय लिया गया है। इस कार्रवाई का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इसका कोई नकारात्मक असर बैंकों और ग्राहकों के बीच लेनदेन या समझौते पर न पड़े। इससे वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता कायम रहती है।