Cotton Crisis: कपास के उत्पादन में गिरावट से बढ़ी किसानों की समस्या, आखिर क्या है वजह
Cotton Productivity : भारत दुनिया में कपास का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। कपास के उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि होती है। वही कपास भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह देश के कपड़ा उद्योग के लिए कच्चा माल प्रदान करता है और लाखों लोगों को रोजगार देता है।

Cotton Crisis : भारत विश्व में कपास का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और इसके उत्पादन में गिरावट वैश्विक मूल्यों एवं व्यापार की गतिशीलता को प्रभावित करने की क्षमता रखती है। कपास उत्पादन सदियों से भारत की कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण घटक रहा है। भारत की प्रति हेक्टेयर कपास उत्पादकता अन्य प्रमुख कपास उत्पादक देशों की तुलना में कम है। यह मुख्य रूप से पुरानी कृषि पद्धतियों के उपयोग, अपर्याप्त सिंचाई सुविधाओं और खराब बीज गुणवत्ता के कारण है।
कम उत्पादकता की स्थिति किसानों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है और कपड़ा उद्योग को भी प्रभावित कर रही है। कंज्यूमर को सस्ता कपड़ा नहीं मिल रहा है और किसानों को कपास की खेती से ज्यादा लाभ नहीं हो रहा। इस संदर्भ में कंफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (CITI) ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें किसानों, उद्योग के विशेषज्ञों और कृषि व कपड़ा मंत्रालय के अधिकारियों ने इस समस्या पर अपने विचार साझा किए।
कपास एक महत्वपूर्ण फसल है, जिससे लगभग 60 लाख लोग सीधे जुड़े हुए हैं। यह भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन, भारत 130 लाख हेक्टेयर में कपास उगाने के बावजूद, चीन के 30 लाख हेक्टेयर के मुकाबले कम उत्पादन कर रहा है। चीन की उत्पादकता 1993 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है, जबकि भारत में यह सिर्फ 436 किलोग्राम है। यदि हम उत्पादकता बढ़ा सकें तो इससे किसानों को बेहतर लाभ होगा और कंज्यूमर को सस्ते कपड़े मिलेंगे। लेकिन वर्तमान स्थिति सभी के लिए चुनौती बनी हुई है।
कपास की कम उत्पादकता के पीछे कई कारण हैं-जैसे कि गुणवत्ता वाले बीजों की कमी, सिंचाई की सुविधाओं का अभाव, और कीटनाशक प्रबंधन में कमी। इन समस्याओं के समाधान के लिए 8 राज्यों में विशेष प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं, जिनके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर हम हाई डेंसिटी प्लांटेशन और ड्रिप फर्टिगेशन जैसी सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों को अपनाएं, तो कपास की उत्पादकता को 1500 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाया जा सकता है।