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Sarso: सरसों की अच्छी पैदावार लेने के लिए आजमाएं ये तकनीक, उत्पादन बढेगा

Mustard Farming : सरसों की खेती (Mustard Farming) यदि वैज्ञानिक तरीके से करते हैं तो किसान उससे अच्छा प्रॉफिट हासिल कर सकते हैं। सालभर सरसों की डिमांड रहती है। जिसके कारण इसकी खेती करने वाले किसानों को खूब मुनाफ़ा होता है।
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Sarso: सरसों की अच्छी पैदावार लेने के लिए आजमाएं ये तकनीक, उत्पादन बढेगा
Mustard Farming Tips : सरसों रबी के सीजन (Rabi season) की एक प्रमुख तिलहन फसल है। सिंचित और असिंचित दोनों तरह के क्षेत्रों में इसकी खेती की जा सकती है। सही कृषि तकनीकों का इस्तेमाल करके किसान सरसों की फसल (Mustard Farming) की उपज बढ़ा सकते हैं। यदि वैज्ञानिक तरीके से सरसों की खेती की जाती है तो अच्छा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है।

सरसों की खेती (Mustard Farming) यदि वैज्ञानिक तरीके से करते हैं तो किसान उससे अच्छा प्रॉफिट हासिल कर सकते हैं। सालभर सरसों की डिमांड रहती है। जिसके कारण इसकी खेती करने वाले किसानों को खूब मुनाफ़ा होता है।

खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा वीरपुर प्रखंड में तकनीकी सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान किसानों को सरसों फसल की खेती के नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी गई। इसकी जानकारी देते हुए खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय सह प्रधान वैज्ञानिक डॉ। राम पाल ने बताया कि सरसों की फसल में पैदावार बढ़ाने को लेकर किसानों को विशेषज्ञ द्वारा उत्तम तकनीक की जानकारी दी गई।

इस मौके पर खोदावंदपुर केवीके विषय वस्तु विशेषज्ञ उद्यान डॉ। नागंगौड़ा पाटिल ने किसानों को सरसों की देशी नस्ल के स्थान पर सरसों के उन्नत प्रभेद राजेन्द्र सुफलाम की खेती करने की सलाह दिया गया। उन्होंने बताया कि तेलहन आदर्श ग्राम में इस वर्ष 500 एकड़ क्षेत्र में सरसों के उन्नत प्रभेद राजेंद्र सुफलाम का बीज बोया जाएगा। परीक्षण के तौर पर इस गांव में आगामी तीन वर्षों तक इस योजना लगातार चलाया जाएगा।

डॉ. पाटिल ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत को तेलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक व विषय वस्तु विशेषज्ञ, पशु चिकित्सा डॉ। विपिन ने तेलहन से प्राप्त होने वाले खल्ली को पशु चारे के रूप में उपयोग करने की सलाह किसानों को दिया। इस कार्यक्रम में कृषि एवं पशुपालन से संबंधित विषयों पर किसानों से उनके विचार लिए गए। इस कार्यक्रम में 60 महिला पुरुष किसानों ने भाग लिया।