The Chopal

सरसों की इस किस्म से हो जाएगी मौज, खारे-नमकीन हर तरह के पानी में देगी जबरदस्त उत्पादन

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार देश भर में अपने नवीनतम और उन्नत बीजों के लिए जाना जाता है। इस प्रक्रिया को जारी रखते हुए, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार ने एक और हाइब्रिड सरसों की किस्म विकसित की है, जो काफी उन्नत है। जमीन का जलस्तर लगातार घटता जा रहा है, इसलिए बरसात की कमी से फसलों को बचाना बहुत मुश्किल हो जाता है। यह प्रकार विश्वविद्यालय ने इस बात को ध्यान में रखते हुए बनाया है। 

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सरसों की इस किस्म से हो जाएगी मौज, खारे-नमकीन हर तरह के पानी में देगी जबरदस्त उत्पादन 

The Chopal, Sarson New Variety : आप सरसों की वैरायटी को कम सिंचाई वाले क्षेत्रों में, अधिक सिंचाई वाले क्षेत्रों में, या फिर नमकीन पानी वाले क्षेत्रों में भी बो सकते हैं। कृषि विश्वविद्यालय हिसार के तिलहन विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर राम अवतार (सरसों वैज्ञानिक) से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा विकसित की गई सरसों की हाइब्रिड किस्म आरएचएच 2101 सरसों की खेती में एक अच्छा विकल्प है। विभिन्न विशेषताओं के कारण किसानों में यह किस्म बहुत लोकप्रिय है। यह किसी भी प्रकार की मिट्टी में बोया जा सकता है। 

कितनी मिलेगी पैदावार 

किसान भाइयों की पैदावार में यह सरसों वैरायटी अन्य किस्मों से बहुत अच्छी है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के डॉक्टर राम अवतार जी ने बताया कि सरसों की हाइब्रिड वैरायटी RHH 2101 की औसत उपज लगभग 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर या 12-13 क्विंटल प्रति एकड़ है। यह सरसों की अन्य किस्मों से बहुत अधिक उपज देता है। यह 37–40 मण प्रति एकड़ की उपज दे सकता है, जो किसानों को बहुत फायदा पहुंचा सकता है।

कब करें बुवाई 

हाइब्रिड वैरायटी सरसों की इस बिजाई को आप अगेती, मध्यम या पछेती कर सकते हैं।10 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक, जब तापमान 35 डिग्री से नीचे रहता है, इसे बुआई करना सबसे अच्छा है। यह वैरायटी अधिक उत्पादन देगी अगर 35 डिग्री से कम में बुआई की जाए। इस वैरायटी को हल्की, मध्यम और भारी मिट्टी में लगाया जा सकता है। इस वैरायटी को किसानों की परेशानियों को देखते हुए बनाया गया है।

इन उर्वरकों का करें इस्तेमाल 

सरसों की खेती में खाद और उर्वरक की आवश्यकता होती है, जो पौधों को विकसित करने में मदद करते हैं। डॉ. राम अवतार जी ने कहा कि बेसल डोज में 30 किलो यूरिया और डीएपी का आधा कट्टा देना चाहिए। यह पौधों को जरूरी पोषक तत्व देता है। SSP का उपयोग करते हैं तो प्रति एकड़ 35 किलो यूरिया और डेढ़ कट्टा SSP देना चाहिए। यह पौधों को जरूरी पोषक तत्व देता है। डीएपी का उपयोग करते समय 100 किलो से अधिक जिप्सम भी देना चाहिए। जिप्सम पौधों को सभी पोषक तत्व देता है। लाइव चावल भाव देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।

सिंचाई का तरीका 

किसानों की सिंचाई की समस्या को ध्यान में रखते हुए सरसों की हाइब्रिड वैरायटी RHH 2101 बनाई गई है। यह वैरायटी कम या अधिक सिंचाई वाले क्षेत्रों में या खारा पानी वाले क्षेत्रों में भी बोया जा सकता है। इस वैरायटी को खारे पानी या काम सिंचाई से कोई खास फर्क नहीं पड़ता।

डॉ राम अवतार के अनुसार सरसों की फसल में फफूंद नाशक स्प्रे करना जरूरी है, जिससे पौधों को फफूंद और अन्य रोगों से बचाया जा सके। सरसों में आप 2 स्प्रे अवश्य करें। डॉ राम अवतार के अनुसार सरसों में पहला स्प्रे 45-50 दिन पर करें, जब पौधे की हाइट लगभग 10 से 12 इंच की हो, और दूसरा स्प्रे 60 से 65 दिन पर करें, जब पौधे की हाइट लगभग 18 से 20 इंच की हो।

नोट: रिपोर्ट में दी गई जानकारी सभी विश्वसनीय स्रोतों से ली गई है। कृषि से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए कृषि वैज्ञानिकों की सलाह अवश्य लें, और अपने विवेक और समझ से निर्णय करें।