1 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन बिकेंगे सालाना... 5 करोड़ लोगों को मिलेगा रोजगार का मौका
नितिन गडकरी ने बताया, "अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोटिव बाजार है।" वाहनों की संख्या में हर साल 10 प्रतिशत का बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, और ऑटो इंडस्ट्री आज 12.5 लाख करोड़ रुपये का है।
The Chopal News : भारत में EV की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है। देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेग्मेंट ने पिछले कुछ सालों में जबरदस्त विकास हुआ है, और सरकार से लेकर उद्योग के जानकारों तक को पूरा भरोसा है कि आने वाले समय में हालात और भी बेहतर होने वाले है। दिल्ली में चल रहे EV EXPO 2023 में केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि 2030 तक भारत में 1 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री होगी और इससे लगभग 5 करोड़ जॉब्स पैदा होंगे।
नितिन गडकरी ने कहा, "आज भारत दुनिया में 30 प्रतिशत फॉसिल फ्यूल की खपत करता है, और हमारी ज्यादातर निर्भरता आयात पर है।" हम सिर्फ पेट्रोल-डीजल और क्रूड ऑयल के आयात पर लगभग 16 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं, जो देश की जीडीपी का लगभग 3 प्रतिशत है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की परिवहन उद्योग की आवश्यकताओं का 85 प्रतिशत आयातित फॉसिल फ्यूल से पूरा होता है।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोटिव बाजार है, अमेरिका, चीन और चीन के बाद। वाहनों की संख्या में हर साल 10 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिल रहा है, और ऑटो इंडस्ट्री आज 12.5 लाख करोड़ रुपये का है। इतना ही नहीं, भारत के कार्बनडाइ ऑक्साइड उत्सर्जन का 40 प्रतिशत ऑटोमोबाइल उद्योग है। डीजल इंजन वाले वाहन प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण हैं और वातावरण को खराब करते हैं।
उन्होनें कहा, "हम ट्रांसपोर्ट सेक्टर को डी-कॉर्बनाइज करने के लिए एक मिशन मोड में काम कर रहे हैं, इस प्रयास में लो-इमिशन ट्रांसपोर्ट जैसे कि इलेक्ट्रिक वाहन अहम भूमिका निभा रहे हैं।" इलेक्ट्रिक वाहन सबसे आसान, सुरक्षित और स्वच्छ हैं। 2030 तक कार्बनडाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को 1 गीगा टन तक कम किया जा सकता है अगर हम नियमित वाहनों के बजाय पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों पर निर्भर करेंगे।
1 करोड़ गाड़ी की बिक्री और 5 करोड़ नौकरियां:
"देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है और वाहन डाटा के अनुसार अब तक भारत में 34.54 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है", गडकरी ने कहा। जिस तेजी से देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बढ़ रही है, इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2030 तक देश में तकरीबन 1 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री होगी, जिससे लगभग 5 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी।