उदयपुर में चल रहा 10 साल पुराना पानी का सिस्टम, इतने लाख लोगों को पानी की कमी

Rajasthan News : गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। अब पेयजल की मांग भी बढ़ेगी। इस बीच जनता की परेशानी भी बढ़ने लगी है। दरअसल, झील-तालाबों के इस शहर में 10 साल पुराना पेयजल सप्लाई सिस्टम काम कर रहा है, जबकि इस बीच आबादी लगातार बढ़ती गई।
 

The Chopal, Rajasthan News : गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। अब पेयजल की मांग भी बढ़ेगी। इस बीच जनता की परेशानी भी बढ़ने लगी है। दरअसल, झील-तालाबों के इस शहर में 10 साल पुराना पेयजल सप्लाई सिस्टम काम कर रहा है, जबकि इस बीच आबादी लगातार बढ़ती गई। शहर में अभी 10.20 करोड़ लीटर 102 एमएलडी यानी मिलियन लीटर रोज की सप्लाई है।

दूसरी ओर, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की ही कार्ययोजना के मुताबिक ही अभी शहर की 6 लाख 30 हजार आबादी को 15.80 करोड़ लीटर की जरूरत है। अभी रोज सप्लाई हो रहा 10.20 करोड़ लीटर पानी केवल 4.93 लाख लोगों के लिए ही पर्याप्त है।

ऐसे में प्रतिदिन 5.60 करोड़ लीटर की कमी से 1 लाख 37 हजार लोगों को जूझना पड़ेगा। मौजूदा सप्लाई व्यवस्था के हालात ये हैं कि कई इलाकों में तो 48 घंटे में एक बार ही सप्लाई दी जा रही है। कुछ इलाकों में लो प्रेशर की भी शिकायतें हैं। स्मार्ट सिटी के 18 वार्डों में 24 घंटे पानी सप्लाई का आदेश भी अधूरा है। शहर के 93 हजार घरों में नल कनेक्शन हैं।

कई जगह 48 घंटे में एक बार आपूर्ति

सहेली मार्ग एरिया, शास्त्री नगर, डोरे नगर, भोपा मगरी, सेवाश्रम, प्रताप नगर, हिरणमगरी, पानेरियों की मादड़ी, सवीना, आनंद विहार, नाकोड़ा नगर, आदर्श नगर, गायत्री नगर, विवि मार्ग एरिया, कुशालबाग, कुम्हारों का भट्‌टा, चित्रकूट नगर, बेदला, बड़गांव, आरके पुरम आदि क्षेत्रों में 48 घंटे में आधे से एक घंटे तक पेयजल सप्लाई होती है।

जयसमंद पाइप लाइन का साल में 30 बार से ज्यादा क्षतिग्रस्त होना समस्या को बढ़ाता है।
जयसमंद झील से अतिरिक्त 20 लाख लीटर पानी प्रतिदिन लाने की योजना है। इसके लिए नई पाइप लाइन बिछाई जानी है। पंप मशीनरी, ग्रिड सब स्टेशन आदि का निर्माण होना है, लेकिन यह काम लंबित चल रहा है।

4.99 करोड़ की लागत से झामर कोटड़ा योजना का पुनरुद्धार के काम की डेडलाइन इस साल अक्टूबर माह है। यह समय पर पूरा हो।
सवीना में 1500 केएल टंकी निर्माण एवं पाइप लाइन का काम होना है। यह अब तक शुरू हो जाना था, लेकिन अभी 4.90 करोड़ की निविदा ही जारी हुई है।

नाकोड़ा नगर, सौभाग्य नगर, नाकोड़ापुरम आदि में 105 करोड़ लागत की जल आपूर्ति परियोजना अधूरी है।
हिरणमगरी एरिया में 2.44 करोड़ लागत से जल आपूर्ति सुधार कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ।
शहर में नए बड़े प्लांट स्थापित नहीं किए गए। देवास तृतीय-देवास चतुर्थ की सौगात पूरी नहीं हुई।
नियंत्रण कक्ष स्थापित, शिकायतों का समाधान करेंगे विभाग

जिला प्रशासन ने गर्मी के दिनों में उदयपुर शहर में पेयजल वितरण समस्या के समाधान के लिए जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग उदयपुर ने यह नगर खण्ड प्रथम कार्यालय में बनाया गया है।

कक्ष सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक और दोपहर 2 से रात 10 बजे तक काम करता है। इसकी प्रभारी अधिकारी विभाग की सहायक अभियंता कामाक्षी पूर्बिया और नियंत्रण अधिकारी नवनीता माथुर हैं। दूरभाष नंबर 0294-2940412 हैं। यहां दर्ज शिकायतों और उनके समाधान की रिपोर्ट कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल को हर सप्ताह भेजी जा रही है।