UP के इस जिले की 12 गांवों की होने वाली है चकबंदी, सीएम योगी का निर्देश

CM योगी आदित्यनाथ के निर्देश के तहत उत्तर प्रदेश के बारह ग्रामों में चकबंदी कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए तैयारियां तेज की गई हैं। चकबंदी का मतलब होता है की जमीन के स्वामित्व और काबिज़ी का पुनर्विचार करना और जमीन का अधिकारिता तय करना।
 

The Chopal - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य के 12 गांवों में चकबंदी कराई जाएगी। इसकी तैयारी तेज की गई हैं। बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी संजय कुमार ने यह बताया कि चकबंदी आयुक्त ने तहसील टांडा के ग्राम चक रफतपुर, दर्शनपुर, भटपुरा तथा तहसील शाहबाद के ग्राम मडैय्यान झाऊ, भजनपुर, मझरा, मोहम्मद नगर, तहसील बिलासपुर के ग्राम रफतपुर, बेरखेड़ा, गदईया नसीमगंज, सरवर नगर तथा तहसील स्वार के ग्राम रूस्तमनगर निकट छपर्रा को चकबंदी प्रक्रियाओं में शामिल भी किया गया है।

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CM योगी आदित्यनाथ के निर्देश के तहत उत्तर प्रदेश के बारह ग्रामों में चकबंदी कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए तैयारियां तेज की गई हैं। चकबंदी का मतलब होता है की जमीन के स्वामित्व और काबिज़ी का पुनर्विचार करना और जमीन का अधिकारिता तय करना। चकबंदी की प्रक्रिया में, जमीन के मालिकाना हक को पुनर्विचारित किया जाता है और सभी संबंधित पार्टियों के बीच इस पर सहमति प्राप्त की जाती है। इस प्रक्रिया में जमीन के स्वामित्व की पुष्टि और समर्थन के लिए विभिन्न आधिकारिक दस्तावेजों की जाँच और विवेचना की जाती है।

गांवों में जल्द ही प्रक्रियाएं शुरू होंगी

चकबंदी लेखपाल प्रेमशंकर को तहसील टांडा व स्वार, सुमन कांत गौतम को तहसील बिलासपुर और रामसिंह को तहसील शाहबाद के ग्रामों के अभिलेखों को प्राप्त करने की अधिकृत किया हैं। उन्होंने कहा कि सभी गांवों में शीघ्र ही चकबंदी प्रक्रियाएं शुरू होंगी। चकबंदी प्रक्रियाओं में पहले अभिलेखों को दुरुस्त भी किया जाएगा। इन गांवों से संबंधित सभी कृषकों को शीघ्र ही उनके गांवों में बैठक करके इस प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।

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1954 में यूपी में चकबंदी शुरू हुई

1954 में यूपी में पहली बार चकबंदी (Chakbandi In UP) मुजफ्फरनगर की कैराना तहसील और सुल्तानपुर जिले की खाना तहसील से शुरू हुई। इस सफल परीक्षण के बाद, 1958 में पूरे राज्य में चकबंदी लागू की गई।