UP के इस जिले में बनाई जाएगी 15 किमी लंबी एलिवेटेड फ्लाईओवर सड़क
UP NEWS : वाराणसी में पहली बार वरुणा नदी के ऊपर करीब 15 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड फ्लाईओवर सड़क बनेगी। यह दो लेन रोड चौकाघाट से शुरू होगी और रिंग रोड पर हरहुआ से करीब दो किलोमीटर आगे समाप्त होगी। इस प्रोजेक्ट से दिल्ली लखनऊ प्रयागराज गोरखपुर समेत बिहार और बंगाल की तरफ से आने वाले वाहनों को शहर के लिए नया वैकल्पिक रूट मिल जाएगा।
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पहली बार वरुणा नदी के ऊपर करीब 15 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड फ्लाईओवर सड़क बनेगी। यह दो लेन रोड चौकाघाट से शुरू होगी, उसे रिंड रोड पर हरहुआ से करीब 2 किमी. आगे समाप्त किया जाएगा।
कार्य पूर्ण होने के बाद दिल्ली, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर समेत बिहार और बंगाल की तरफ से आने वाले वाहनों को शहर के लिए नया वैकल्पिक रूट मिल जाएगा। वाहन मुख्य मार्ग के बजाय इसी सड़क से कुछ ही समय पर शहर में दाखिल हो सकेंगे।
जाम से मिलेगी निजात
काशी विश्वनाथ मंदिर व कैंट स्टेशन समेत अन्य प्रमुख स्थानों पर जाने के लिए लोगों को जाम में नहीं फंसना होगा। मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) से डीपीआर मांगी है। प्राथमिक सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
एलाइनमेंट बनाने के लिए प्राधिकरण ने दिल्ली मुख्यालय को पत्र लिखा है। कहा है कि प्रकरण की गंभीरता समझते हुए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाए। कंसल्टेंट ही बताएंगे कि वरुणा नदी में एलिवेटेड सड़क बनाने के लिए कैसी तकनीक प्रभावी की जाएगी। कैसा एलाइनमेंट रहेगा, साथ ही प्रोजेक्ट के दायरे में कितने पुल आएंगे।
कितने जंक्शन बनाने होंगे और लागत क्या आएगी
50 प्रतिशत ट्रैफिक को इसी रोड पर डायवर्ट करेंगे ताकि शहरी आवागमन को सुगम बनाया जा सके। इस प्रोजेक्ट का एलाइनमेंट तैयार करने की जिम्मेदारी पहले उत्तर प्रदेश सेतु निगम के इंजीनियरों को दी गई थी, लेकिन वह फेल हो गए। अब मंडलायुक्त की ओर से एनएचएआइ को जिम्मेदारी मिली है।
ग्रीनफील्ड होगा प्रोजेक्ट, रिवर बेड पर होगा निर्माण।
मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने बताया कि एलिवेटेड फ्लाईओवर रोड पूरी तरह ग्रीनफील्ड होगा। रिवर बेड पर निर्माण होगा। दोनों लेन एक तरफ बनेगी या फिर दो तरफ, यह एनएचएआइ के सर्वे के बाद ही तय हो सकेगा। लागत राशि का आंकलन हो रहा है। कोशिश होगी कि बजट के अनुसार ही निर्माण कराया जाए।
नदी के किनारे एलिवेटेड सड़क बनने से बाढ़ के समय भी कोई समस्या नहीं आएगी। प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने से पहले जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव लिए जाएंगे, फिर काम शुरू कराया जाएगा। यह प्रोजेक्ट धरातल पर उतरा तो मील का पत्थर साबित होगा, इससे शहर के ट्रैफिक दबाव में भारी कमी आएगी।
यह है एलिवेटेड रोड
एलिवेटेड फ्लाईओवर रोड मुख्य रूप से हाई-स्पीड ट्रैफिक और लंबी दूरी की यात्रा के लिए डिजाइन किया जाता है। ये शहरों या क्षेत्रों को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों के रूप में काम करते हैं। चौड़े व बहुलेन वाले फ्लाईओवर, जिस पर निर्बाध यातायात चल सके, उसे ही एलिविटेड कहते हैं।
यहां पूरा रोड ग्राउंड ट्रैफिक लेवल से ऊपर बना होता है। इन्हें गर्डर्स और डेक स्लैब से जुड़े पियर्स पर बनाया जाता है। ये सड़कें ऊपर से ट्रैफिक के आसान प्रवाह की अनुमति देती हैं और नीचे ट्रैफिक प्रवाह को बाधित नहीं करती हैं, जहां जंक्शन या क्रासिंग होते हैं।