Delhi की 1799 अवैध कॉलोनियों को लेकर बड़ी खबर, 161 कॉलोनियाें इस कारण नहीं होंगी वैध

दिल्‍ली की कुल 1799 अनधिकृत कॉलोनियों में से 161 में सीवर लाइनें डालने के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, डीडीए और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से एनओसी लेना है।
 

The Chopal : दिल्ली में जिन 1799 कॉलोनियों को नियमित करने की कवायदें की जा रही हैं, उनमें 161 ऐसी कॉलोनियां हैं जिनका नियमित होना मुश्किल है। इनमें से कुछ कॉलोनियां तो फॉरेस्ट एरिया में हैं, कुछ यमुना फ्लड प्लेन एरिया के ओ-जोन और कुछ प्रोटेक्टेड ऐतिहासिक स्थलों के करीब बसी हैं। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने तो यह साफ कर दिया है कि जो कॉलोनियां फॉरेस्ट एरिया में हैं उनमें जल बोर्ड सीवर लाइनें तो डाल सकता है। लेकिन इसका अर्थ यह न लगाया जाए कि उन कॉलोनियों को नियमित करने का एनओसी भी डिपार्टमेंट ने दे दिया है।

दिल्ली में कुल 1799 अनधिकृत कॉलोनियों को रेगुलराइज करने की कवायदें लंबे समय से चल रही हैं। 988 कॉलोनियों में तो सीवर लाइनें डल भी चुकी हैं, 359 कॉलोनियों में सीवर लाइन डालने का काम जारी है। 161 अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइनें डालने के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, डीडीए और एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) से एनओसी लेना है। 161 में से 114 ऐसी कॉलोनियां हैं, जो पूरी तरह से फॉरेस्ट एरिया में बसी हैं। इनमें से ज्यादातर कॉलोनियां संगम विहार, छतरपुर और महरौली एरिया में हैं।

फॉरेस्ट एरिया में बसी कॉलोनियों में सीवर लाइनें डालने के लिए जल बोर्ड ने संबंधित विभाग से एनओसी की मांग की है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने इस पर कहा है कि सीवर लाइनें डालने के लिए तो एनओसी दे दिया जाएगा, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि फॉरेस्ट एरिया में बसी कॉलोनियों को रेगुलराइज करने की एनओसी भी डिपार्टमेंट ने दे दी है। इसी तरह से 1799 अनधिकृत कॉलोनियों में शामिल तुगलकाबाद की संत मोहल्ला और छुरिया मोहल्ला को भी एएसआई ने रेगलराइज करने की एनओसी देने से मना कर दिया है।

NOC न मिलने पर रेगुलराइजेशन नहीं

जल बोर्ड के अफसरों का कहना है कि जितनी भी अनधिकृत कॉलोनियां हैं, उन सभी कॉलोनियों में अगले साल मार्च तक हर हाल में सीवर नेटवर्क से कनेक्ट करना है, ताकि इन कॉलोनियों का गंदा पानी बिना ट्रीट किए हुए यमुना में न जाए। इसी प्लान के तहत अबतक 988 अनधिकृत कॉलोनियों को सीवर लाइन से कनेक्ट किया गया है। लेकिन 161 कॉलोनियों में सीवर लाइन डालने के लिए अलग-अलग विभागों से एनओसी की जरूरत है, जिसके लिए आवेदन किया गया है।

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