UP के इस शहर में बनाए जाएंगे 2 अंडर पास, सफर में मिलेगी काफ़ी सहूलियत
UP News : उत्तर प्रदेश के नोएडा में लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर दो नए अंडरपास बनाने की योजना शुरू कर दी गई है। इसके लिए डीपीआर का काम किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही डीपीआर तैयार कर प्रशासन को सौंप दी जाएगी।
Uttar Pradesh News : यूपी के औद्योगिक शहर नोएडा में जाम की समस्या अक्सर बनी रहती है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा एक्सप्रेसवे पर दो नए अंडरपास बनाने की योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। इसके लिए डीपीआर का काम किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही डीपीआर का काम पूरा कर प्रशासन को सौंप दिया जाएगा। प्रशासन द्वारा मंजूरी मिलने के बाद 180 करोड रुपए की लागत से बनाए जाने वाले दोनों अंडरपास का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इन अंडरपास का निर्माण हो जाने पर लोगों को सफर में काफी सहूलियत मिलने वाली है। उन्हें घंटे भर जाम में नहीं झूलसना पड़ेगा।
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर झट्टा गांव के सामने एक अंडरपास का निर्माण किया जाएगा। इस अंडरपास का निर्माण सेक्टर 145, 146, 155 और 159 के बीच होगा। इस अंडरपास पर लगभग 87 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके अलावा सुल्तानपुर गांव के सामने दूसरे अंडरपास का निर्माण किया जाएगा। इस अंडरपास को सेक्टर-128, 129, 132 और 108 के मध्य में बनाया जाएगा।
आईआईटी रुड़की को भेजा जाएगा, प्रस्ताव
अधिकारियों ने बताया कि दोनों अंडरपास को बनाने के लिए डीपीआर लगभग तैयार कर ली गई है। इसका फाइनल प्रस्ताव सीईओ को प्रस्तुत किया जाएगा। डीपीआर की पूरा होते ही आईआईटी रुड़की को यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि डीपीआर को वहां से मंजूरी मिलने के बाद, अंडरपास को बनाने के लिए टेंडर जारी किया जाएगा।
छोटे अंडरपास से लग रहा है, जाम
अभी तक इन जगह दो छोटे अंडरपास बने हुए हैं। जिसकी वजह से वाहन चालकों को यहां से गुजरने के लिएजाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। जिसको देखते हुए प्राधिकरण ने यहां फोरलेन अंडरपास बनाने की योजना तैयार की है। फोरलेन अंडरपास बनने से जाम की समस्या से लोगों को मुक्ति मिलेगी।
1.5 से 2 वर्षों में बनाए गए, तीन अंडरपास
नोएडा प्राधिकरण द्वारा पिछले 1.5 से 2 वर्षों में ग्रेनो एक्सप्रेसवे पर तीन नए अंडरपास बनाए गए हैं। इन अंडरपासों को सेक्टर-96, 142 और 152 में बनाया गया है। इन अंडरपास के निर्माण से एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ गांवों और क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी मिली है।
बॉक्श पुशिंग तकनीक से बनाया गया, इन अंडरपास को
इन तीनों अंडरपास को बनाने के लिए बॉक्श पुशिंग तकनीक का उपयोग किया गया था। इस तकनीक से सड़कों पर वाहनों को रोकने की जरूरत नहीं पड़ती। इस तकनीक से बनाई गई सड़क कई बार धंस गई, जिससे ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक जाम हुआ था।