'मेक इन इंडिया' के तहत रक्षा मंत्रालय में अब तक बने 2920 स्वदेशी उपकरण

रक्षा उत्पादन विभाग के निदेशक (डीआइपी) अमित सतीजा ने बुधवार को कहा कि भारत रक्षा उत्पादन में तेजी से और लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक 4,666 सूचीबद्ध उपकरणों में से 2,920 रक्षा उपकरणों का स्वदेशी निर्माण हो चुका है।
 

The Chopal : रक्षा उत्पादन विभाग के निदेशक (डीआइपी) अमित सतीजा ने बुधवार को कहा कि भारत रक्षा उत्पादन में तेजी से और लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक 4,666 सूचीबद्ध उपकरणों में से 2,920 रक्षा उपकरणों का स्वदेशी निर्माण हो चुका है।

रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा की गई कई पहल

वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा नागपुर में आयोजित रक्षा एमएसएमई के राज्य-स्तरीय सम्मेलन में रक्षा क्षेत्र में एमएसएमई की भागीदारी को बढ़ाना विषय पर विचार व्यक्त कर रहे थे। सतीजा ने कहा कि रक्षा मंत्रालय, विशेषकर रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा कई पहल की गई हैं।

2920 उपकरणों का किया जा चुका है स्वदेशीकरण

उन्होंने कहा कि निर्माण, सह निर्माण कच्चा माल, महत्वपूर्ण पुर्जों और घटकों सहित 4,666 रक्षा उपकरणों में से 2,920 उपकरणों का पहले ही स्वदेशीकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सेना, नौसेना और वायुसेना से संबंधित 102 परियोजनाओं को मेक-2 प्रक्रिया के तहत और 44 परियोजनाओं को मेक-1 श्रेणी के तहत सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। मेक-3 श्रेणी के तहत तीन परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। सतीजा ने कहा कि रक्षा विभाग स्वदेशीकरण लक्ष्य की ओर तेजी से और स्थिर रूप से आगे बढ़ रहा है।

मेक-3 श्री को आत्मनिर्भरता के उद्देश्य से किया गया शुरू

उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन में हर साल 40 से 50 लाइसेंस जारी किए जाते हैं। मेक-1 सरकार द्वारा वित्त-पोषित परियोजनाओं को संदर्भित करता है, जबकि मेक-2 उद्योग वित्त पोषित कार्यक्रमों को कवर करता है। मेक-3 श्रेणी को आत्मनिर्भरता के उद्देश्य से शुरू किया गया था।

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