UP के 3 सबसे अमीर जिले, सिर्फ 7 फीसदी लोग ही गरीब

UP News : उत्तर प्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। इसके कुल क्षेत्रफल की बात करें, तो यह 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। ऐसे में आज हम आपको अपनी इस खबर में यूपी के तीन सबसे अमीर जिलों के बारे में बताने जा रहे है। बता दें कि यहां पर सिर्फ सात प्रतिशत लोग ही गरीब है। 

 

The Chopal : भारत के उत्तर में जब भी प्रमुख राज्यों की बात होती है, तो इसमें उत्तर प्रदेश का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है। उत्तर प्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। इसके कुल क्षेत्रफल की बात करें, तो यह 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसके साथ ही यह सबसे अधिक जनसंख्या और जिले वाला राज्य भी है।

साल 2011 में यहां की जनसंख्या 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 दर्ज की गई थी। हालांकि, वर्तमान में यह आंकड़ा करीब 24 करोड़ पहुंच चुका है। देश के आर्थिक विकास में भी भारत का यह राज्य अहम स्थान रखता है। ऐसे में इस राज्य की आंतरिक अर्थव्यवस्था भी अधिक महत्वपूर्ण है। क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के सबसे तीन अमीर जिले कौन-से हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।

उत्तर प्रदेश में कुल कितने जिले और मंडल हैं-

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश में कुल कितने जिले और मंडल हैं, तो आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। इसके साथ यहां पर 17 नगर निगम , 822 सामुदायिक विकास खंड, पांच विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, 59,163 ग्राम पंचायत और 437 नगर पंचायत हैं। उत्तर प्रदेश का सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर, तो सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र है। इसके साथ ही सबसे पूर्वी जिला बलिया, तो सबसे पश्चिमी जिला शामली है।

उत्तर प्रदेश का सबसे अमीर जिला कौन-सा है-

प्रदेश के सबसे अमीर जिले की बात करें, तो पहले स्थान पर गाजियाबाद का नाम आता है, जहां पर सबसे कम गरीब रहते हैं, यानि कि यहां सिर्फ सात फीसदी गरीब ही रहते हैं।

उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे अमीर जिला कौन-सा है-

उत्तर प्रदेश के दूसरे सबसे अमीर जिले की बात करें, तो यह लखनऊ है, जहां पर सिर्फ 9 फीसदी गरीब रहते हैं। ऐसे में अमीरी के पायदान पर इसका दूसरा स्थान आता है।

उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे अमीर जिला कौन-सा है-

अब सवाल है कि उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे अमीर जिला कौन-सा है, तो आपको बता दें कि तीसरे स्थान पर कानपुर का नाम आता है, जहां पर गरीबों की संख्या भी सिर्फ 9 फीसदी दर्ज की गई है।  

किसने जारी की है रिपोर्ट-

अब सवाल है कि आखिर किस रिपोर्ट के आधार पर यहां पर अमीरी और गरीबी का आकलन किया गया है, तो आपको बता दें कि भारत की थिंक टैंक कहे जाने वाली नीति आयोग की ओर से  जुलाई में बहुआयामी गरीबी सूचकांक-2023 रिपोर्ट को जारी किया गया था। इसके तहत देशभर के अलग-अलग जिलों में गरीबी का आकलन किया गया था। ऐसे में उत्तर प्रदेश में भी गरीबी का स्तर आंका गया था। इससे पहले साल 2016 में यह आखिरी बार दर्ज किए गए थे। इसके बाद मौजूदा आंकड़े साल 2021 के तहत दर्ज किए गए हैं। 

सर्वे में अपनाए गए थे ये मानक-

नीति आयोग की ओर से किए गए सर्वे में तीन मानको का पालन किया गया था। इसमें जीवन स्तर, स्वास्थ्य और शिक्षा को शामिल किया गया था। ऐसे में जन्म एवं मृत्यु दर, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, स्कूल में बच्चों के जाने की उम्र, पीने का पानी, साफ-सफाई, शौचालय, बिजली, संपत्ति और बैंक अकाउंट तक को शामिल किया गया था।