Delhi-NCR के 36 गांवों में नए नाम से लगेंगे स्वागत द्वार, जानिए क्यों लिया ये फैसला

Delhi NCR : दिल्ली-एनसीआर के 36 गांवों में होने वाले नाम परिवर्तन सरकार की तरफ से बड़ी पहल हैं. सरकार का यह कदम सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय पहचान के लिहाज़ से बेहद अहम साबित होने वाला है। यह पहल ना सिर्फ गांवों को नई ऐतिहासिक पहचान देगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने और उन्हें प्रेरित करने में भी सहायक होगी।

 

Uttar Pradesh News: जेवर क्षेत्र में 36 गांवों में महापुरुषों के नाम पर स्वागतद्वार बनाए जाएंगे। इन द्वारों को विधायक निधि से बनाया गया है, जिसका उद्देश्य गांवों को नई पहचान देना है और युवाओं को महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित करना है। निर्माण करने में लगभग 5.36 लाख रुपये खर्च होंगे और चार महीने में पूरा होने की संभावना है। जेवर देहात क्षेत्र में महापुरूषों का स्वागतद्वार बनाकर गांव को नई पहचान देने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए जेवर के 36 गांव चुने गए हैं इन गांव की प्रमुख सड़कों पर स्वागतद्वार बनाए जाएंगे।

युवा लोगों को अपने पूर्वजों और महापुरूषों के प्रति जागरूक करना

जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने विधायक निधि से प्रत्येक स्वागतद्वार पर पांच लाख 36 हजार रुपये खर्च करने का प्रस्ताव किया है। महापुरूषों को इन स्वागत द्वारों से गांव और रास्ते को नई पहचान मिलेगी। जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि योजना का उद्देश्य युवा लोगों को अपने पूर्वजों और महापुरूषों के प्रति जागरूक करना है। इन स्वागत द्वारों पर नाम के अनुसार ही उन महापुरूषों और हस्तियों के संघर्षों और सफलताओं की सूचना दी जाएगी। जिससे युवा लोग अपने विषयों को जानने के साथ-साथ प्रेरणा भी ले सकें।

चार महीने में पूरा होगा काम 

सभी गांव के स्वागत द्वारों को अलग-अलग महापुरूषों, मुख्यमंत्री, स्थानीय देवी देवता या किसी पूर्वज के नाम से नामित किया जाएगा। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है. चार महीने में इन गांवों में स्वागतद्वार बनकर तैयार हो जाएंगे। विधायक निधि से इन स्वागतद्वारों पर दो करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

जेवर के सिरसा मांचीपुर गांव में बिरसा मुंडा, सिरसा खादर गांव के लिए यमुना बांध पर अवंती बाई, सिरसा खादर गांव से सोलडा मार्ग पर माहत्मा गांधी द्वार, बेगमाबाद से सोलडा मार्ग पर मल्हार राव होल्कर द्वार, जेवर खादर सोलडा हरियाणा मार्ग पर झलकारी बाई द्वार और यमुना बांध से गोविंदगढ़ गांव जाने वाले मार्ग पर चौधरी चरण सिंह स्वागत. इसके अलावा, जेवर से गोविंदगढ़ मार्ग पर महारानी पदमानि द्वार, गोविंदगढ़ से जेवर खादर मार्ग पर महर्षि बाल्मीकि द्वार, यमुना बांध से कानीगढ़ी मार्ग पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह द्वार, जेवर से कानीगढ़ी मार्ग पर सर छोटू राम द्वार, भगवंतपुर मार्ग पर विपिन चंद्रपाल द्वार और यमुना बांध से पूरन नगर मार्ग पर चंद्रशेखर आजाद द्वार भी हैं।

जेवर से लुल गढ़ी मार्ग पर पंडित मदन मोहन मालवीय के दरवाजे, नगला चांदन मार्ग पर डाक्टर रोशन सिंह के दरवाजे, दयानतपुर बेगमाबाद मार्ग पर चेतनाथ महाराज के दरवाजे, नगलिया मार्ग पर रानी लक्ष्मी बाई के दरवाजे हैं. हिमायुपुर में मंगल पांडे, मंगरौली में पंडित दीन दयाल उपाध्याय, अलावलपुर में सुभाष चंद बोस, बुढाका की मढ, बुढाका की मढैया में तात्या टोपे, भवोकरा में महाराणा रणजीत सिंह। इसके अलावा चांचली में रविंद्र नाथ टैगोर, धनसिया में सरदार बल्लभ भाई पटेल, दस्तमपुर में महाराणा प्रताप, नगला शाहपुर में पृथ्वी राज चौहान, इनायतपुर में राणा सांगा, शाहपुर से मुढरह मार्ग पर योगी आदित्यनाथ स्वागत द्वार, भीकनपुर में राजाराम मोहन राय, सिरौली बांगर मार्ग पर राजा बनेपाल, महेंदीपुर खादर मार्ग पर गुरू नानक, धनपुरा मार्ग पर खान अब्दुल गफ्फार खान, मिलक करीमाबाद मार्ग पर डाक्टर अब्दुल कलाम, कानपुर भगत सिंह, भोयरा कानपुर मार्ग पर अंगपाल तोमर, इनायतपुर रजवाहे से कानपुर मार्ग पर राजा उदय सिंह, कानपुर से भोयरा मार्ग पर संत कबीरदास के नाम से स्वागत द्वार बनाए जाने हैं।