UP के 5 जिलों का नई रेल लाइन बिछाकर होगा जुड़ाव, इलाकों में तेज होंगे विकास के कार्य

UP News: उत्तर प्रदेश में नई रेलवे लाइन को लेकर सरकार लगातार प्रयासरत है। प्रदेश में कई नई रेलवे लाइनों का काम चालू है। उत्तर प्रदेश के पांच और जिले नई रेलवे लाइन से कनेक्ट होने वाले हैं। इस रेलवे लाइन का काम तीन चरणों में पूरा होगा और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही तेज कर दी जाएगी।

 

Uttar Pradesh News : यूपी में रेलवे नेटवर्क के विस्तार से यातायात सुगम होगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। अगर ये पांच जिले नई रेलवे लाइन से जुड़ते हैं, तो लोगों के लिए यात्रा करना आसान हो जाएगा और व्यापार भी बढ़ेगा। खलीलाबाद-बहराइच नई रेल लाइन परियोजना से संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच सहित पांच राज्यों को जोड़ा जाएगा।  241.6 किमी की यह रेल लाइन पिछड़े क्षेत्रों में यातायात को आसान बनाएगी और रोजगार के अवसर पैदा करेगी।  इस रेलवे लाइन का निर्माण तीन चरणों में होगा।

पूर्वी रेलवे की खलीलाबाद-बहराइच नई रेल लाइन परियोजना संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच सहित पांच राज्यों को एकजुट करेगी।  1148 हेक्टेयर भूमि पर 241.6 किमी लंबी यह नई रेल लाइन पिछड़े क्षेत्रों में यातायात को आसान बनाएगी और रोजगार के अवसर पैदा करेगी।

तीन चरणों में होगा निर्माण 

इस रेलवे लाइन का निर्माण तीन चरणों में होगा।  पहले चरण में खलीलाबाद से बांसी तक 54.40 किमी लंबी रेलवे लाइन का निर्माण शुरू हो गया है।  प्रथम चरण का निर्माण कार्य 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।  पहले चरण में, खलीलाबाद से बांसी तक एक रेलवे लाइन बनाने के लिए 237 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की गई है। 203 हेक्टेयर अधिग्रहित जमीन पर निर्माण कार्य चल रहा है। शेष 34 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण अंतिम चरण में है। इसके लिए 20 ए और ई का प्रकाशन हो चुका है। दूसरे चरण में, बांसी से श्रावस्ती तक 115 किमी की रेलवे लाइन बनाने के लिए 569 हेक्टेयर जमीन खरीदनी होगी।  अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी भी जारी है।

342 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण

तीसरे चरण में, श्रावास्ती से बहराइच तक 72.20 किमी की रेलवे लाइन बनाने के लिए 342 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जानी है। 20 वीं सदी में बहराइच जिले के सभी गांवों की जमीन प्रकाशित हुई है।  20 ए श्रावस्ती जिले के इकौना व जमुनहा तहसील के गांवों का प्रकाशन है।  रेलवे के एक विशिष्ट परियोजना में शामिल इस रेल लाइन के निर्माण की प्रक्रिया भी तेज हो गई है।  निर्माण कार्यों के साथ-साथ जमीन का अधिग्रहण भी तेजी से हो रहा है।

नई रेल लाइन पर 32 स्टेशन और चार जंक्शन बनेंगे

खलीलाबाद-बहराइच नई रेल लाइन में 32 स्टेशन होंगे, जिसमें चार जंक्शन, 16 क्रासिंग और 12 हाल्ट स्टेशन होंगे।  रेलवे स्टेशनों में बहराइच, आजातपुर, धुंसवा बरडेहरा, हरिहरपुर, भिनगा, बिशुनपुर रामनगर, लक्ष्मनपुर, एकौना, श्रावस्ती, हसुवाडोल, झारखंडी, बलरामपुर, खगई जाेत, महेशबारी, श्रीदत्त गंज, कपऊशेरपुर, ऊतरौला, चिरकुटिहा परिमनिहा, बंजरहा, धनखरपुर, डुमरियागंज, टिकरिया, भागोभार, रम  32 बड़े पुल और 86 छोटे पुल भी बनाए जाएंगे, जो दो महत्वपूर्ण बड़े पुल हैं।  इस रेलवे लाइन पर 132 अंडरपास और नौ ओवर ब्रिज भी बनाए जाएंगे।

160 km/h बिछाई जा रही रेल लाइनें

आनंदनगर-महराजगंज-घुघली या सहजनवां-दोहरीघाट और खलीलाबाद-बहराइच की नई ट्रेन हो सकती है।  रेल लाइन बिछने से विद्युतीकरण भी होगा।  यह सभी रेलवे लाइनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती हैं।  ताकि भविष्य में इन नई रेल लाइनों पर वंदे भारत जैसे गतिमान ट्रेनें भी चल सकें।  पूर्वोत्तर रेलवे की मुख्य लाइन बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा, जो 425 किमी है, 160 किमी प्रति घंटे की गति के लिए बनाई जा रही है।  पूर्वोत्तर रेलवे में ट्रेनें अधिकतम 110 किमी/घंटा चल सकती हैं।

खलीलाबाद-बांसी-बलरामपुर-बहराइच नई रेल लाइन परियोजना का पहला चरण खलीलाबाद से बांसी तक कार्य पूरा करना है, जिसके लिए 80 प्रतिशत से अधिक जमीन अधिग्रहीत की गई है।  काम तेजी से पूरा हो रहा है।  भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी भी प्रगति पर है, इसलिए बाकी दो चरणों में अतिरिक्त काम किया जाएगा।  इस रेलवे लाइन के बनने से बहुत से लोगों को फायदा होगा और क्षेत्र में विकास और प्रगति होगी।  

2018 में कैबिनेट ने नई रेल लाइन की अनुमति दी

अक्टूबर 2018 में, केंद्र सरकार की कैबिनेट ने खलीलाबाद-बहराइच की नई रेल लाइन को मंजूरी दी।  साथ ही, निर्माण कार्य के लिए चार हजार चार सौ करोड़ रुपये का बजट भी प्रस्तावित किया गया था।  दो मार्च 2019 को खलीलाबाद में नई रेल लाइन का शिलान्यास तत्कालीन रेलमंत्री पीयूष गोयल ने किया था।