होटल के कमरे में 7 दिन से रह रहे थे 6 लड़के और एक लड़की, पुलिस देखकर रह गई दंग

MP News : मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एक हफ्ते पहले छह लड़के एक लड़की को अपने साथ लेकर आए। वह माधवनगर में एक होटल की दूसरी मंजिल पर कमरा नंबर 204 में रहता था। लड़के और लड़की पूरी रात होटल में रहते रहे। पुलिस टीम होटल में मुखबिर की सूचना पर पहुंची। जैसे ही होटल का गेट खुला, पुलिस ने कमरे को देखा तो सन्न रह गई। आइए पूरी बात जानें..।
 
The Chopal, MP News :  ग्वालियर पुलिस ने कॉल सेंटर के माध्यम से विदेशी नागरिकों को ठगने वाले गिरोह को पकड़ लिया है। माधवनगर होटल के कमरे में कॉल सेंटर चल रहा था। पुलिस ने एक महिला सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ग्वालियर में गिरफ्तार आरोपी ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य देशों के नागरिकों को ठगने का काम कर रहे थे। पकड़े गए अभियुक्तों ने विदेशी नगारिकों को फोन करके माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का फर्जी एजेंट बनकर ठगी की।

ग्वालियर पुलिस को मुखबिर ने बताया कि झांसीरोड पर माधवनगर होटल की द्वितीय मंजिल पर एक कमरे में कुछ लोग कॉल सेंटर चला रहे हैं। ये लोग अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर की आड़ में ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य देशों के लोगों को फोन करके उन्हें माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का फर्जी एजेंट बताकर धोखाधड़ी कर लाखों रुपये ऐंठ रहे थे। पुलिस बल होटल में पहुंचा। होटल का दरवाजा खोला। रात में, दूसरी मंजिल के कमरा 204 में कुछ लड़के और लड़की लैपटॉप पर काम करते हुए हेडफोन लगाकर अंग्रेजी में बात करते मिले। कमरे में लेपटॉप के सामने एक लड़की और छह लड़के बैठे थे, जो कान में हैडफोन लगाकर अंग्रेजी में बात कर रहे थे। सिपाही कुर्सी पर बैठे ही उसे पकड़ लिया। अभय राजावत, नीतेश कुमार, दीपक थापा, परवेज आलम, श्वेता भारती, राज कैलाशकर और सुरेश वासेल को गिरफ्तार किया गया है।

ग्वालियर के आईजी अरविंद सक्सेना ने कहा, "लैपटाप के मॉनीटर स्क्रीन पर कॉल ऑप्शन पर डॉयल, मिस्ड एवं रिसीव्ड कॉल नंबर भारत के नहीं, यूएस के हैं। जिन लोगों से प्रारंभिक पूछताछ की गई, वे कॉल सेंटर में काम करते पाए गए। ज्ञात हुआ कि ये व्यक्ति लगभग सात दिन पहले ग्वालियर आए थे और उसके बाद से काम कर रहे हैं। मुरैना के संजय भदौरिया ने ग्वालियर में काम करने के लिए जगह और फर्नीचर का सेटअप उपलब्ध कराया। लैपटॉप, मोबाइल फोन, वाईफाई (राउटर) और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कर्ण ने प्रदान किए थे।

पकड़े गए ठगों ने विदेशी लोगों से बात करते समय अपना असली नाम नहीं बताते हुए मिस्टर पॉल (अभय राजावत), मार्टिन (नीतेश), जॉन (सुरेश), रियान (दीपक), साइबर एक्सपर्ट (राज), डेविल (सुरेश), नैंसी (श्वेता) आदि फर्जी नामों का इस्तेमाल किया। मोंटी और कर्ण सभी को हर महीने 20,000 से 25,000 रुपये नगद और रहने के लिए खाना देते थे। इसके अलावा, ठगी की गई रकम का पांच प्रतिशत अतिरिक्त कमीशन भी दिया जाता था। लैपटॉप-8, माउस, मोबाइल फोन-15, फायबर मॉडम-एडॉप्टर, कॉलिंग स्क्रिप्ट, डाटा सीट, हैडफोन, लेन केबल, पावर एक्सटेन्सन दो बोर्ड, सात कुर्सियां, पांच टेबल और दो रिस्ट वॉच पुलिस टीम ने होटल के कमरे से जब्त किया।