UP में 3 चरणों में बिछेगी 81 किलोमीटर की नई रेल लाइन, 11 नए स्टेशन बनेंगे, 112 गांवों से निकलेगी पटरियां

UP News: उत्तर प्रदेश में आवागमन कनेक्टिविटी को और ज्यादा बेहतरीन बनाने की दिशा में अब एक और कदम आगे बढ़ाया गया है। उत्तर प्रदेश में अब एक और रेलवे लाइन बिछाई जाएगी जिसको लेकर 112 गांवों के किसानों से जमीन अधिग्रहण किया जाएगा। इस रेलवे लाइन पर 11 नए रेलवे स्टेशन का निर्माण भी किया जाएगा।

 

Uttar Pradesh News: पूर्वोत्तर रेलवे की बहुप्रतीक्षित सहजनवा–दोहरीघाट नई रेल लाइन परियोजना अब जमीन पर आकार लेने लगी है। पूर्वोत्तर रेलवे की महत्वपूर्ण सहजनवा–दोहरीघाट नई रेल लाइन परियोजना अब तेजी से आगे बढ़ रही है। इस परियोजना के तहत कुल 11 नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनके लिए रेलवे प्रशासन ने प्रस्तावित निर्माण स्थलों को चिह्नित कर लिया है। तीन चरणों में पूरी होने वाली यह रेल लाइन पूर्वांचल के लिए एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी परियोजना मानी जा रही है, जिससे गोरखपुर, वाराणसी, छपरा और प्रयागराज की ओर यात्रा करना अधिक सुगम होगा।

टेंडर प्रक्रिया हुई पूरी 

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, परियोजना का पहला चरण सहजनवा से बांसगांव तक होगा, जिसमें 32.95 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस चरण को वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। मिट्टी भराई, पुलिया निर्माण और अन्य प्रारंभिक कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है। सहजनवा–पिपरौली रेल खंड पर तिनहरा, बनौडा और बेलवा डाड़ी जैसे गांवों में निर्माण से जुड़े कार्य शुरू हो चुके हैं।

1320 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत

दूसरे चरण में बांसगांव से बड़हलगंज तक 36.80 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी, जबकि तीसरे और अंतिम चरण में बड़हलगंज से न्यू दोहरीघाट तक 11.42 किलोमीटर ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। इस तरह पूरी परियोजना के अंतर्गत कुल 81.17 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन तैयार होगी। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 1320 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है।

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज

रेलवे प्रशासन के मुताबिक, इस परियोजना के लिए कुल 112 गांवों की 403.29 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है। अब तक 57.19 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है, जबकि शेष भूमि के लिए प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि परियोजना को स्पेशल प्रोजेक्ट का दर्जा मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्यों की रफ्तार में उल्लेखनीय तेजी आई है।

पहले चरण में सहजनवा से बांसगांव के बीच आवश्यक 44.37 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है और बची हुई भूमि अंतिम चरण में है। दूसरे चरण में बांसगांव से बड़हलगंज के बीच 185.78 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है, जिसमें से कुछ हिस्सों पर रेलवे अधिनियम की धारा 20ए और 20ई के तहत अधिसूचना जारी हो चुकी है। तीसरे चरण में बड़हलगंज से न्यू दोहरीघाट तक 12.82 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा किया गया है, जबकि शेष भूमि के लिए अधिसूचना जारी की गई है।

आरटीआई से सामने आई स्टेशन और स्थल की जानकारी

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत डॉ. रजनीश कुमार चतुर्वेदी द्वारा मांगी गई जानकारी के जवाब में रेलवे प्रशासन ने प्रस्तावित स्टेशनों और उनके स्थलों का विवरण उपलब्ध कराया है। इस रेल मार्ग पर पिपरौली, खजनी, उनवल, बैदौली बाबू, बांसगांव, ऊरुवा बाजार, बनवारपार, गोला बाजार, भरौली, बड़हलगंज और न्यू दोहरीघाट में नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनके स्थल संबंधित गांवों में निर्धारित किए गए हैं।

सरयू नदी पर बनेगा 1200 मीटर लंबा पुल

परियोजना का सबसे अहम ढांचा सरयू नदी पर बनने वाला लगभग 1200 मीटर लंबा रेलवे पुल होगा, जिसे इस रेल लाइन का सबसे बड़ा पुल बताया जा रहा है। इसके अलावा इस मार्ग पर 2 उपरिगामी पुल, 15 अंडरपास, 11 बड़े पुल और 47 छोटे पुलों का निर्माण प्रस्तावित है। कई स्थानों पर पुल और अंडरपास निर्माण की प्रारंभिक प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।

पूर्वांचल को मिलेगा बड़ा लाभ

सहजनवा–दोहरीघाट रेल लाइन के पूरा होने के बाद गोरखपुर से वाराणसी, छपरा और प्रयागराज के लिए एक नया और वैकल्पिक रेल मार्ग उपलब्ध होगा। इससे गोरखपुर के दक्षिणांचल क्षेत्र के लोगों को विशेष राहत मिलेगी, जहां आज भी यात्रियों को ट्रेन पकड़ने के लिए लगभग 50 किलोमीटर तक जाना पड़ता है। रेलवे का मानना है कि इस परियोजना से न केवल यात्रा आसान होगी, बल्कि रोजगार के अवसर, व्यापार और क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इस नई रेल लाइन परियोजना को 17 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई थी, और अब इसका निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।