8th pay commission : भूल जाओ अब नहीं आएगा कोई वेतन आयोग, इस फॉर्मूले से बढ़ेगी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी
 

8th Pay Commission: 7वें वेतन आयोग (सातवें वेतन आयोग) की सिफारिशों को लागू करते वक्त आयोग के मेंबर जस्टिस माथुर ने कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों के पे-स्ट्रक्चर के लिए एर्करॉयड फॉर्मूले पर विचार करना चाहिए। इससे सैलरी को पुनःप्राप्त करने के लिए दस साल का इंतजार नहीं करना होगा।

 

8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों को निरंतर अच्छी खबरें मिल रही हैं। 8वें वेतन आयोग के बारे में भी समाचार आया है। नए फॉर्मूले से आने वाले समय में कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा होगा, यह वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है। 2016 में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की गईं। अब छह वर्ष बीत चुके हैं। अब केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी निर्धारित करने के लिए आठवें वेतन आयोग का गठन करने पर कोई विचार नहीं है। लेकिन नए तरीके से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी हर साल निर्धारित की जाएगी। लोकसभा में इसकी जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दी है।

वित्त राज्य मंत्री ने दिया इशारा

Experts भी मानते हैं कि वेतन आयोग से अलग फॉर्मूले पर विचार करना चाहिए। पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि सरकार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्ते और पेंशन को रिवाइज करने के लिए 8वें वेतन आयोग से अलग कुछ विचार कर रही है। इसके बावजूद, आठवें वेतन आयोग पर अभी विचार नहीं हो रहा है। वेतन आयोग को केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्ते और पेंशन की समीक्षा करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, उन्होंने कहा।

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Aykroyd फॉर्मूला केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में इजाफे को लेकर चर्चा में है। इस फॉर्मूले से कर्मचारियों की सैलरी को महंगाई, घरेलू खर्च और कार्यक्षमता से जोड़ा जाएगा। यह सब देखने के बाद ही सैलरी बढ़ेगी। सभी श्रेणी के कर्मचारियों को इससे लाभ होता दिखेगा। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सुझाव अच्छा है, लेकिन अभी तक कोई फॉर्मूला नहीं बनाया गया है। 8वां वेतन आयोग की तारीख भी स्पष्ट नहीं है। 

7वें वेतन आयोग ने भी की थी सिफारिश

जस्टिस माथुर ने 7वें वेतन आयोग (7वें वेतन आयोग) की सिफारिश में कहा कि हम Aykroyd फॉर्मूले के तहत पे स्ट्रक्चर बनाना चाहते हैं। इसमें जीवन खर्च भी शामिल है। यह योजना वॉलेस रुडेल आयकरॉयड ने दी थी। उनका मानना था कि भोजन और कपड़े आम आदमी के लिए दो अहम चीजें हैं। इनकी कीमतों के बढ़ने के साथ-साथ कर्मचारियों की वेतनवृद्धि भी होनी चाहिए। 

हर साल सैलरी बढ़ेगी!

केंद्र सरकार ने 7वीं भुगतान कमीशन के दौरान कर्मचारियों की न्यूनतम भुगतान को 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए किया था। जस्टिस माथुर ने सिफारिश की कि सरकार हर साल केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन को प्राइस इंडेक्स के अनुसार देखना चाहिए। केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन 8वें वेतन आयोग की स्थापना भी चर्चा में है।

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