UP में इन 13 शहरों की हुई मौज, 100 किलोमीटर के दायरे में दौड़ेगी 988 बसें

UP Updates : उत्तर प्रदेश के लखनऊ से सटे 86 और कानपुर के 50 गांवों को बस सेवा देने की अनुमति दी गई है। इसके लिए निजी ऑपरेटरों से टेंडर जारी किया गया है। टेंडर के अनुसार बसें निर्धारित ग्रामीण क्षेत्रों से चलने लगेंगी।
 

The Chopal (UP News) : लोगों को जल्द ही गांव से शहर जाने-आने के लिए रोडवेज बसें मिल जाएंगी। इसके लिए पहले की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर अनुबंधित बसों को चलाने की अनुमति दी गई है। इसके तहत तेरह शहरों से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में बसें चलेगी। उत्तर प्रदेश के लखनऊ से सटे 86 और कानपुर के 50 गांवों को बस सेवा देने की अनुमति दी गई है। इसके लिए निजी ऑपरेटरों से टेंडर जारी किया गया है। टेंडर के अनुसार बसें निर्धारित ग्रामीण क्षेत्रों से चलने लगेंगी।

उत्तर प्रदेश में अनुबंधित बस योजना 2023 में गांव-गांव बस सेवा देने के लिए तेजी से काम शुरू हो गया है। इसके तहत बसें कम से कम चालिस से सौ किलोमीटर की दूरी पर चलेंगी। रोडवेज अपनी बसें इन सूचीबद्ध रूटों पर नहीं चलाएगा। सर्वे में 676 गांवों में 988 बसों की जरूरत बताई। ग्रामीण इलाकों में 28 सीटर मिनी बसें और दो लेन की सड़कों पर 40 सीटर बसें चलाने की योजना है। यह बसें शहर से तहसील और ब्लॉक तक चलेंगी। इनमें एमएसटी भी उपलब्ध होगा।

बसें इन गांवों तक जल्द ही पहुंच जाएंगी।

लखनऊ से सटे 86 गांवों के अलावा, अनुबंध पर रोडवेज बसों को कानपुर के 50, हरदोई के 108, बनारस के 72, आगरा के 25, अलीगढ़ के 26, बरेली के 95, गाजियाबाद के 28, झांसी के 32, मुरादाबाद के 34, मेरठ के 59 और इटावा क्षेत्र के 45 मार्गों पर चलाने की अनुमति दी गई है।

उत्तर प्रदेश के लखनऊ परिक्षेत्र क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने कहा कि जिन गांवों में बस सेवा नहीं थी, उनको बस सेवा से जोड़ने की योजना बनाई गई है। मुख्यालय ने अनुबंधित बसों को छह मार्च को तीस शहरों (लखनऊ भी शामिल) में चलाने की अनुमति दी है। निजी ऑपरेटर से अनुबंध पर बसें चलायी जाएंगी। 90 दिन के भीतर सभी चिह्नित क्षेत्रों में रोडवेज की अनुबंधित बस सेवाएं शुरू होंगी।

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