UP के इस जिले में भी बनेगा नया एयरपोर्ट, सीएम ने कर दी घोषणा

UP News - यूपी सरकार की ओर से एक बड़ी घोषणा की गई है। जिसके तहत ये कहा गया है कि यूपी के इस जिले में भी नया एयरपोर्ट बनाया जाएगा... इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर को पूरा पढ़े।
 

UP News : यूपी में एक और एयरपोर्ट (Airport) बनने जा रहा है। सीएम योगी (CM Yogi) ने मंगलवार को इसका ऐलान किया। सीएम योगी ने  कहा कि चित्रकूट के बाद बुंदेलखंड का दूसरा एयरपोर्ट झांसी में बनेगा। यह कानपुर राजमार्ग पर होगा। सीएम योगी ने कहा कि बुंदेलखंड नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

एक्सप्रेस-वे और डिफेंस कॉरीडोर यहां की पहचान है। बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के जरिए युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही, साथ ही देशभर के युवा यहां नौकरियों के लिए आएंगे। राष्ट्रीय खेल दिवस पर सीएम ने ध्यानचंद म्यूजियम व जिला पुस्तकालय सहित 2009 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।

योगी ने कहा कि सीएम (CM) बनने के बाद पीएम मोदी के कहने पर वह सबसे पहले बुंदेलखंड आए थे। पेयजल समस्या को लेकर हर घर नल योजना से बुंदेलों का सपना पूरा किया। डिफेंस कॉरीडोर से वीरों और वीरांगनाओं के क्षेत्र को नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड को नोएडा व ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर औद्योगिक गलियारा बनाने के लिए बजट जारी किया गया है। इससे यहां के युवाओं को पलायन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, यहां रोजगार भी बढ़ेगा।

नहीं आएगी पैसे की कमी

हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। जितना पैसा चाहिए होगा, दिया जाएगा। सबसे पहले कचहरी चौराहा स्थित शिक्षा भवन में नवनिर्मित लाइब्रेरी का उद्घाटन किया, फिर रानी लक्ष्मीबाई पार्क में मेजर ध्यानचंद की 25 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण किया। पार्क में बनाए गए देश के पहले मेजर ध्यानचंद हॉकी म्यूजियम का उद्घाटन किया।

सीएम ने कहा, कि झांसी की नगरी (city ​​of jhansi) ने वीरांगनाओं ही नहीं, वीर सपूतों को भी जन्म दिया है। हॉकी का नाम आते ही झांसी में जन्मे मेजर ध्यानचंद का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। राष्ट्रीय खेल दिवस पर वह प्रदेश की जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि मेजर उत्कृष्ट खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि सच्चे देशभक्त भी थे। जर्मनी के चांसलर ने उनके मैच को देखकर जर्मनी की नागरिकता के साथ कर्नल बनाने का प्रस्ताव दिया था लेकिन ध्यानचंद ने इसे ठुकराकर सच्चे देशभक्त की नजीर पेश की थी।

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