MP में 2 हजार करोड़ से बसेगा नया शहर, 3300 हेक्टेयर जमीन पर होगा निर्माण

MP News: पिछले महीने की 25 फरवरी को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में चल रहे ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 का अंतिम दिन था। मध्य प्रदेश में एक नया और आधुनिक शहर बसाने की यह योजना राज्य के विकास में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। उज्जैन में सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए 3300 हेक्टेयर क्षेत्र में 2000 करोड़ रुपये की लागत से इस नए शहर को विकसित किया जाएगा।

 
MP में 2 हजार करोड़ से बसेगा नया शहर, 3300 हेक्टेयर जमीन पर होगा निर्माण

Madhya Pradesh News : पिछले महीने की 25 फरवरी को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में चल रहे ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 का अंतिम दिन है।  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी कार्यक्रम स्थल मानव संग्रहालय में समिट के समापन अवसर पर पहुंचे हैं।  केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मनोहर लाल खट्टर ने भी समिट में भाग लिया और निवेशकों से मुलाकात की।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फिल्म और पर्यटन सेशन को संबोधित करते हुए महत्वपूर्ण घोषणा की।  उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश के उज्जैन में एक नया धार्मिक शहर बनाया जा रहा है। कार्यक्रम में पंकज त्रिपाठी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन को धार्मिक शहर बनाया जाएगा।  उन्होंने कहा कि शहर को ३३०० हेक्टेयर में बसाया जाएगा।  यहां स्कूल, कॉलेज और अस्पताल बनेंगे।  सिंहस्थ 2028 को देखते हुए, संतों, महंतों, महामंडलेश्वरों और शंकराचार्यों को स्थायी भूमि दी जा रही है।  यहां धर्मशाला और आश्रम भी बना सकेंगे।  शहर की विकास लागत लगभग 2000 करोड़ रुपये होगी।

सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए उज्जैन में एक बड़ा नया नगर बनाने की योजना है।  यहां 200 फीट चौड़ी सड़कें, सुविधाजनक हॉस्पिटल और नए स्कूल कॉलेज बनाए जाएंगे।  यह धार्मिक शहर सिंहस्थ क्षेत्र में पक्के निर्माण के एक प्रोजेक्ट के तहत बनाया जाएगा।  इसका निर्माण उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) करेगा।

यूडीए अधिकारियों ने कहा कि नए शहर में अंडरग्राउंड सीवर सिस्टम और बिजली लाइनें होंगी।  यहां बारिश के पानी की निकासी के लिए अत्याधुनिक प्रणाली उपलब्ध होगी।  यूएसडीए ने इसके लिए सर्वे कर लिया है।  अगले तीन वर्षों में यह नगर विकसित हो जाएगा।

सिंहस्थ क्षेत्र में अखाड़ों, साधु-संतों और महामंडलेश्वरों को स्थायी निर्माण की अनुमति देने के बाद राज्य सरकार ने नए व्यवस्थित शहर बसाने की योजना बनाई है। यूडीए ने क्षेत्रीय और तकनीकी सर्वे पूरा कर लिया है।  यह विकास करीब 2000 करोड़ रुपये का होगा।