प्रयागराज में आधुनिक तकनीक से यमुना पर बनेगा नया रेलवे पुल, सर्वे कार्य हुआ शुरू

UP News : उत्तर प्रदेश के इस जिले में बने 160 साल पुराने पुल का कायाकल्प करने का रास्ता साफ हो चुका है। अंग्रेजों के जमाने में बने स्कूल के ऊपर से ट्रेन गुजरती है और नीचे से वहां का संचालन किया जाता है। लोड बढ़ाने के चलते हुए पुल को नए सिरे से बनाया जाएगा।

 
प्रयागराज में आधुनिक तकनीक से यमुना पर बनेगा नया रेलवे पुल, सर्वे कार्य हुआ शुरू

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के एक 160 साल पुराने ऐतिहासिक रेलवे पुल का अब कायाकल्प होने जा रहा है। यह पुल न सिर्फ अपनी ब्रिटिशकालीन इंजीनियरिंग विरासत के लिए जाना जाता है, बल्कि उसकी संरचना भी काफी अनूठी है। जहाँ ऊपर से ट्रेन गुजरती है और नीचे से सामान्य आवागमन होता है। प्रयागराज में यमुना पर एक नया पुल बनाया गया है। रेलवे ने पुल को हरी झंडी दी है। धन भी बाँट दिया गया है और सर्वे शुरू हुआ है। 160 वर्ष पुराने प्रयागराज पुल के स्थान पर यमुना पर नया रेलवे पुल बनाया जा रहा है। प्रयागराज मंडल के प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड ने मान्यता दी है और इसके लिए बजट भी स्वीकृत किया गया है। स्वीकृति मिलते ही, नए पुल का सर्वे भी शुरू हो गया है। निर्माण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी और कार्यदायी संस्था का चयन होगा।

जमीन अधिग्रहण 

रेलवे का यह नया पुल जीवनज्योति अस्पताल से शुरू होकर ईसीसी के बगल से शुआट्स तक जाएगा। पुल का सर्वे चल रहा है, लेकिन इसकी अनुमानित लंबाई लगभग एक हजार मीटर होगी। रिपोर्ट सर्वे में पुल की लम्बाई, स्थान, लागत, जमीन अधिग्रहण आदि को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है। Final Survey के बाद इसमें बदलाव हो सकता है। नया पुल दो लेन का होगा और नवीनतम तकनीक का उपयोग करेगा। पुल स्फेरिकल बेयरिंग (भूकंप, चक्रवात, विस्फोट) तकनीक पर आधारित होगा, जो रेलवे की आधुनिक पुलों की तरह होगा।

प्रयागराज के रेलवे ढांचे के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण

नए पुल को 2031 तक पूरा करने का लक्ष्य है। उसी वर्ष प्रयागराज में कुम्भ मेला भी होगा। रेलवे का लक्ष्य है कि कुम्भ से पहले एक नया पुल बनकर तैयार होकर ट्रेनों का संचालन शुरू कर दे। मुंबई-प्रयागराज रूट पर तीसरी लाइन का काम तेजी से चल रहा है। नया पुल बनाने के बिना प्रयागराज से कनेक्टविटी संभव नहीं है। इसलिए यह जल्द से जल्द पूरा होगा। ADMR संजय सिंह ने कहा कि यमुना पर नया पुल अब प्रयागराज के रेलवे ढांचे के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। रेलवे बोर्ड ने इसे मान्यता दी है। हम देश में उपलब्ध सबसे नवीनतम तकनीक से इसे बनाएंगे। निर्माण समय से पहले शुरू होने के लिए सर्वे कार्य तेजी से पूरा हो रहा है।

160 वर्षीय यमुना पुल

प्रयागवाद 160 वर्ष पुराने पुल से यमुना पार होता है। इस पुल पर नीचे वाहन चलते हैं, ऊपर ट्रेन चलती है। 1865 में अंग्रेजों ने यह रेलवे पुल बनाया था। कुछ साल पहले बड़े वाहनों का आवागमन रोक दिया गया था क्योंकि इस पर अधिक लोड था। कार और छोटी गाड़ियां ही अब चलती हैं। महाकुम्भ के दौरान इस पुल पर बहुत बड़ी भीड़ थी।