देशभर के नेशनल हाईवे पर लागू होगा AI आधारित डिजिटल टोल सिस्टम, बिना रुके कटेगा शुल्क
Toll collection by AI: इस नई तकनीक के लागू होने के बाद टोल प्लाजा पर रुकने की बाध्यता समाप्त हो जाएगी। वाहन बिना गति कम किए सामान्य रफ्तार से टोल क्षेत्र पार कर सकेंगे। सरकार का मानना है कि इससे न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म होगी, बल्कि लंबी दूरी की यात्राओं में लगने वाला समय भी काफी कम हो जाएगा।
AI-based digital toll : भारत की सड़क परिवहन प्रणाली अब एक बड़े तकनीकी बदलाव की ओर बढ़ रही है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा को अधिक सुगम, तेज और निर्बाध बनाने के लिए AI आधारित डिजिटल टोल सिस्टम लागू करने की दिशा में अहम कदम उठाया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि वर्ष 2026 के अंत तक यह नई व्यवस्था देश के सभी नेशनल हाईवे पर लागू कर दी जाएगी।
इस नई तकनीक के लागू होने के बाद टोल प्लाजा पर रुकने की बाध्यता समाप्त हो जाएगी। वाहन बिना गति कम किए सामान्य रफ्तार से टोल क्षेत्र पार कर सकेंगे। सरकार का मानना है कि इससे न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म होगी, बल्कि लंबी दूरी की यात्राओं में लगने वाला समय भी काफी कम हो जाएगा।
टोल प्लाजा पर नहीं लगेगी कतार
वर्तमान में FASTag सिस्टम के बावजूद टोल प्लाजा पर वाहनों को कुछ समय के लिए रुकना पड़ता है, जिससे व्यस्त मार्गों पर जाम की स्थिति बन जाती है। नई डिजिटल टोल प्रणाली इस समस्या का स्थायी समाधान मानी जा रही है। AI आधारित सिस्टम में पारंपरिक टोल बूथ, बैरियर या मैनुअल चेकिंग की जरूरत नहीं होगी, जिससे ट्रैफिक का प्रवाह लगातार बना रहेगा।
क्या है MLFF टोल सिस्टम
MLFF यानी मल्टी लेन फ्री फ्लो टोल सिस्टम एक अत्याधुनिक तकनीक है, जो पूरी तरह डिजिटल और ऑटोमेटेड होगी। इस सिस्टम के तहत हाईवे पर मल्टी लेन में हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे और सेंसर लगाए जाएंगे। जैसे ही कोई वाहन निर्धारित टोल जोन में प्रवेश करेगा, सिस्टम अपने आप वाहन की पहचान कर टोल शुल्क की गणना कर लेगा।
इस प्रक्रिया में वाहन को रोकने या धीमा करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। टोल राशि सीधे डिजिटल माध्यम से काट ली जाएगी, जिससे यात्रा बिना किसी रुकावट के जारी रह सकेगी।
FASTag से आगे की तकनीक
FASTag ने भारत में डिजिटल टोल भुगतान की शुरुआत को सरल बनाया, लेकिन इसके बावजूद टोल प्लाजा पर लाइन लगने की समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हो सकी। MLFF तकनीक FASTag से एक कदम आगे मानी जा रही है, क्योंकि इसमें वाहन तेज गति में चलते हुए भी टोल क्षेत्र को पार कर सकता है। इससे हाईवे पर औसत गति बढ़ेगी और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी सीधा फायदा मिलेगा।
AI और नंबर प्लेट पहचान की होगी अहम भूमिका
नई डिजिटल टोल प्रणाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) तकनीक पर आधारित होगी। हाईवे पर लगे कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे। AI सिस्टम वाहन की श्रेणी, दूरी और नियमों के अनुसार टोल शुल्क निर्धारित करेगा। निर्धारित राशि सीधे वाहन मालिक के बैंक खाते, FASTag अकाउंट या डिजिटल वॉलेट से स्वतः कट जाएगी। इससे टोल भुगतान की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और तेज हो जाएगी।
यात्रियों को होंगे कई फायदे
AI आधारित डिजिटल टोल सिस्टम से यात्रियों को कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है। यात्रा का समय घटेगा, ईंधन की बचत होगी और बार-बार ब्रेक लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ट्रैफिक जाम कम होने से प्रदूषण स्तर में भी कमी आएगी। इसके अलावा, हाईवे पर ड्राइविंग पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक हो सकेगी।
कब से होगी शुरुआत
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, वर्ष 2026 के अंत तक भारत के सभी नेशनल हाईवे पर यह AI आधारित डिजिटल टोल सिस्टम पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद देश में सड़क यात्रा एक नए युग में प्रवेश करेगी, जहां सफर तेज, स्मार्ट और पूरी तरह रुकावट-मुक्त होगा।