Ajab-Gajab : भारत की इस जगह पर इंसानों को जाने की नहीं है इजाजत, जानकर होंगे हैरान

Ajab-Gajab : अगर आप घूमने का शौंक रखते हैं तो आज हम आपको दुनिया की ऐसी जगहों के बारे में बता रहे हैं जहां इंसान को जाने की इजाजत नहीं है। इन जगहों में से भारत में भी एक जगह है।
 

The Chopal : दुनिया में बेहद कम लोग होंगे, जिन्हें घूमने का शौक नहीं होगा। लोगों की चाहत होती है कि वह धरती की हर जगह पर जाएं। लोग खूबसूरत समुद्री तट, भूतिहा जगह और रहस्यमयी जगहों पर भी जाना चाहते हैं। दुनियाभर में घूमने-फिरने की खूबसूरत जगहों के बारे में सभी लोगों ने सुना होगा और जानते होंगे। लेकिन क्या आप कुछ जगहों के बारे में जानते हैं, जहां पर पर्यटकों के जाने पर पाबंदी है। इनमें से एक स्थान भारत में भी स्थित है। आज हम आपको इन जगहों के बारे में बताते हैं...

एरिया-51

अमेरिका के नवादा में रेगिस्तान के बीच स्थित एरिया-51 एक खुफिया जगह है। इस जगह के बारे में तरह-तरह के दावे किए जाते हैं। एरिया-51 में किसी को भी आने-जाने की इजाजत नहीं है। यहां पर हमेशा कड़ी सुरक्षा रहती है। कुछ कांस्पिरेसी थ्योरी में दावा किया जाता है कि अमेरिका ने एरिया-51 में एलियन को कैद रखा है। 

बताया जाता है कि यहां अमेरिका एलियन पर प्रयोग कर रहा है। इस जगह के बारे में अमेरिका के लोगों को भी नहीं पता था, लेकिन साल 2013 में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने पहली बार दुनिया को एरिया-51 के बारे में बताया। एरिया 51 को आधिकारिक तौर पर मिलिट्री टेस्टिंग साइट और एयरफोर्स फैसिलिटी सेंटर के रूप में जाना जाता है। लेकिन अमेरिकी वायुसेना की इस टेस्टिंग साइट को रहस्यमयी माना जाता है जिसकी हमेशा चर्चा होती है।

स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट

नॉर्वेजियन आर्कटिक के पर्माफ्रॉस्ट में स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट स्थित है। यह स्थान भविष्य में दुनिया में होने वाली विनाशकारी घटनाओं की आशंकाओं को देखते हुए पौधों के बीजों को संरक्षित करने का एक वैश्विक भंडार है। इसका उद्देश्य जैव विविधता की रक्षा करना है। यहां पर आम लोगों के जाने की अनुमति नहीं है। 

सेंटिनल द्वीप

भारत के उत्तर सेंटिनल द्वीप पर बाहरी लोगों के जाने की सख्त मनाही है। अंडमान के उत्तरी सेंटिनल द्वीप पर निग्रिटो समुदाय के लोग रहते हैं। इनका बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं है और यह पूरी तरह से अलग-थलग रहते हैं। उत्तरी सेंटिनल द्वीप सेंटिनली जनजाति की मूल जनजाति का घर है। यह स्थान एक संरक्षित क्षेत्र है। जनजाति की जीवनशैली और बाहरी लोगों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए यहां पर बाहरी लोगों के जाने की इजाजत नहीं है। 

चेर्नोबिल

वर्तमान समय में यूक्रेन एक युद्ध क्षेत्र बना है और ऐसे में दूसरे देशों के लोग यहां नहीं जा रहे हैं। लेकिन यूक्रेन का चेर्नोबिल अपवर्जन क्षेत्र 1986 की परमाणु आपदा की जगह होने की वजह से धरती की सबसे प्रसिद्ध निषिद्ध जगहों में से एक है। लंबे समय तक विकिरण की वजह से यहां के सबसे ज्यादा प्रदूषित जगहों पर लोगों को जाने की अनुमति नहीं है।