UP में किसानों को बड़ी राहत, अब बैंक से सिर्फ 6% ब्याज पर मिलेगा कर्ज

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए लखनऊ से बड़ी खुशखबरी आई है। अब किसानों को सहकारी बैंक से 11 प्रतिशत नहीं बल्कि केवल 6 प्रतिशत ब्याज पर लोन मिलेगा। यह सुविधा मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत लागू की जाएगी।

 

UP News: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए लखनऊ से बड़ी खुशखबरी आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहकारिता क्षेत्र से जुड़े एक बड़े कार्यक्रम में किसानों को सस्ती ब्याज दर पर कर्ज देने की घोषणा की है। अब किसानों को सहकारी बैंक से 11 प्रतिशत नहीं बल्कि केवल 6 प्रतिशत ब्याज पर लोन मिलेगा। यह सुविधा मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत लागू की जाएगी।

युवा सहकार सम्मेलन एवं यूपी को-ऑपरेटिव एक्सपो 2025 का उद्घाटन

रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान स्थित जूपिटर हॉल में आयोजित युवा सहकार सम्मेलन एवं यूपी को-ऑपरेटिव एक्सपो-2025 का उद्घाटन किया। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अंतर्गत किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सहकारिता क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया।

किसानों को 6% ब्याज पर मिलेगा लोन

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि वर्तमान में यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक (LDB) से किसानों को लगभग 11.5 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता है, जो छोटे और सीमांत किसानों के लिए भारी बोझ बनता है। अब मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत यह ब्याज दर घटाकर 6 प्रतिशत कर दी जाएगी। शेष ब्याज राशि का भुगतान राज्य सरकार स्वयं करेगी, जिससे किसानों पर आर्थिक दबाव कम होगा और वे खेती में निवेश कर सकेंगे।

किन किसानों को होगा लाभ

लघु और सीमांत किसान

सहकारी ग्राम विकास बैंक (LDB) से ऋण लेने वाले किसान

खेती, सिंचाई, कृषि उपकरण और भूमि सुधार के लिए लोन लेने वाले किसान

इस योजना से किसानों को सस्ता कर्ज मिलेगा, जिससे उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।

सहकारिता को मजबूत करने की दिशा में केंद्र सरकार की पहल

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता को सशक्त बनाने के लिए अलग मंत्रालय का गठन किया गया। पहले सहकारिता केवल कृषि मंत्रालय का एक हिस्सा थी। उन्होंने बताया कि गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में सहकारिता आंदोलन को नई ऊर्जा और दिशा मिली है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया जाना भारत की भूमिका को दर्शाता है।

डिजिटल तकनीक से बदली सहकारिता की तस्वीर

मुख्यमंत्री ने बताया कि देश में 8.44 लाख से अधिक सहकारी समितियां हैं, जिनसे 30 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं। भारत में दुनिया की लगभग 25 प्रतिशत सहकारी संस्थाएं मौजूद हैं।

डिजिटलीकरण, ई-गवर्नेंस और पारदर्शी प्रक्रियाओं के जरिए सहकारिता व्यवस्था को सरल और भ्रष्टाचार मुक्त बनाया गया है। एम-पैक्स (MPACS) के माध्यम से ग्रामीण सहकारी समितियों को सशक्त कर कृषि और ग्रामीण विकास को नई गति दी जा रही है।

किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सहकारिता आपसी विश्वास, समानता और आत्मनिर्भरता का मजबूत माध्यम है। 6 प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने का निर्णय किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।