UP के गांवों के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, योगी सरकार ने बिजली विभाग को दिया आदेश 

UP Electricity बिजली कंपनियों ने प्रदेश में सिर्फ कुछ घंटे की विद्युत आपूर्ति बढ़ाकर ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं से शहरी दर पर बिजली बिल वसूलने की कोशिश की है, लेकिन वे इसे जायज ठहराने में असफल रहे हैं। राज्य उपभोक्ता परिषद ने केंद्र सरकार के इस नियम का हवाला देते हुए बिजली कंपनियों पर दबाव डाला कि वे ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं से शहरी दर पर वसूल की गई रकम वापस करें। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

 

The Chopal : बिजली कंपनियों की कोशिशें, सिर्फ कुछ घंटे की विद्युत आपूर्ति बढ़ाकर ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं से शहरी दर पर बिजली बिल वसूलने और इसे जायज ठहराने में असफल रही हैं। धारा 10 ऑफ 2020 इलेक्ट्रिसिटी राइट ऑफ कंज्यूमर रूल ऐसे किसी भी प्रयास को रोकता है।

कंज्यूमर रूल कहता है कि सभी ग्रामीण और शहरी विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होगी और ऐसा नहीं होने पर बिजली कंपनियों को मुआवजा देना होगा। उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद ने केंद्र सरकार के इस नियम का हवाला देते हुए बिजली कंपनियों पर दबाव डाला है कि वे ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं से शहरी दर पर वसूल की गई रकम को वापस करें।

24 घंटे बिजली चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन ने ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ घंटे ज्यादा बिजली दी और शहरी दर लागू कर दी, अब ग्रामीण फीडर को शहरी फीडर करने की कोशिश की जा रही है, जिससे यह सही साबित होगा। उनका कहना था कि 31 दिसंबर 2020 से केंद्र सरकार ने देश में इलेक्ट्रिसिटी राइट आफ कंज्यूमर रूल 2020 लागू किया है। धारा 10 में कहा गया है कि विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति देना अनिवार्य है और ऐसा नहीं होने पर उपभोक्ताओं को क्षतिपूर्ति दी जानी चाहिए।

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24 घंटे तक गांव को बिजली नहीं मिली

24 मार्च 2023 को, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने देश के सभी नियामक आयोग को इस संबंध में दिशा-निर्देश भेजे हैं, जिसमें कहा गया है कि जिन राज्यों में मार्च में विद्युत आपूर्ति कम हुई है, वे आयोग मुआवजा देंगे। वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस नियम के खिलाफ उल्टा हो रहा है।

24 घंटे की विद्युत आपूर्ति आज तक किसी गांव में नहीं दी गई, और अगर किसी ग्रामीण फीडर पर एक या दो घंटे अधिक आपूर्ति दी गई तो वहां शहरी दर लागू की गई। उन्होंने पावर कारपोरेशन को नियमों और कानूनों का अध्ययन करने की सलाह दी है। उसने कहा कि बिजली कंपनियों की विश्वसनीयता बढ़ेगी अगर शहरी बिलों को बदलकर ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को अधिक राशि वापस की जाए।

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