MP में नए जिलों को लेकर आई बड़ी अपडेट, बनेंगे 6 नए जिले, सीमांकन का काम चालू
Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में नए जिलों को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। वर्तमान में मध्य प्रदेश परिसीमन आयोग जिलों, संभागों और तहसीलों की सीमा निर्धारित कर रहा है। इससे छह नए जिले और तहसील बन सकते हैं। मध्य प्रदेश में कुल 10 संभाग हैं, जिसमें 56 जिले और 430 तहसीलें हैं।

MP News: मध्य प्रदेश के सभी जिलों, तहसीलों और ब्लॉकों की सीमा निर्धारित करने के लिए सरकार ने एक कमेटी बनाई है। पुनर्गठन आयोग का अध्यक्ष रिटायर्ड आईएएस मनोज श्रीवास्तव है। विकासखंड, जिले, तहसील और संभागों का नया सीमांकन और रूपरेखा बनाना आयोग की जिम्मेदारी है। मध्यप्रदेश में आने वाले समय में छह नए जिले बनाए जा सकते हैं।
क्या परिसीमन दो महीने में हो सकेगा?
राज्य सरकार का लगातार दावा है कि पुनर्गठन कार्य दो महीने में पूरा हो जाएगा। हालाँकि, बहुत से जानकार मानते हैं कि यह एक लंबी प्रक्रिया है। इसमें अभी काफी समय लगेगा। मध्य प्रदेश में कुल 10 संभाग हैं, जिसमें 56 जिले और 430 तहसीलें हैं। नई सीमा निर्धारित करने के लिए प्रत्येक संभाग, जिला, तहसील और ब्लॉक लेवल पर रिपोर्ट की मांग की जाएगी। फिर उसकी जांच करके विश्लेषण किया जाएगा। इसके बाद, ब्लॉक या तहसील से जिला मुख्यालय की दूरी की जांच की जाएगी। इसके साथ कई विसंगतियां हैं। योजना को देखना होगा कि राजस्व, वन, नगरीय निकाय और पंचायत विभागों में समन्वय कैसे हो सकता है। सभी सीमा का अध्ययन करने के बाद ही अंतिम रिपोर्ट बनाई जा सकेगी।
मध्यप्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है
मध्यप्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। यहां पर नए सिरे से जिला, तहसील और ब्लॉक बनाने की मांग की जा रही है। इसमें कई मतभेद हैं। नए जिले और तहसील के गठन के बाद पिछले कुछ वर्षों में और विसंगतियां बढ़ी हैं। CM डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जब हमने सरकार बनाई तो हमने ध्यान दिया कि मध्यप्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। उसका क्षेत्रफल तो है, लेकिन समय के साथ कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। शहरों की संख्या बढ़ी है, लेकिन उनकी सीमा में विसंगतियां हैं।
क्या ये छह तहसीलें राज्य बन जाएंगी?
परिसीमन के दौरान छह जिले बन सकते हैं। बीना, चांचौड़ा, खुरई, जुन्नारदेव, लवकुशनगर और मनावर को भौगोलिक दृष्टि से जिला बनाने की मांग लगातार उठ रही है। यह पुनर्गठन आयोग बनाने से पहले सोचा जा सकता है। क्योंकि पूर्व में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि कई टोले, मजरे और पंचायतों के लोगों को जिला, संभाग और तहसील विकासखंड तक पहुंचने के लिए 100 से 150 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इन क्षेत्रों में दूसरे जिले, संभाग, विकासखंड और तहसील मुख्यालय हैं। बहुत से संभाग छोटे हो गए हैं। यही कारण है कि विसंगतियों को दूर करने के लिए एक नया परिसीमन कार्यक्रम बनाया गया है।