Bihar news : बिहार के स्कूलों में सप्ताह में दो दिन रहेगी छुट्टी, सरकार ने जारी किए नए नियम
बिहार सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए कहा कि अब से रविवार और शुक्रवार को स्कूलों में छुट्टी रहेगी. अगले साल के कैलंडर में भी नई छुट्टियां होंगी।

Bihar updates : बिहार के शिक्षा विभाग ने शुक्रवार, जुमे के दिन, उर्दू स्कूलों और मुस्लिम बहुल इलाकों में अवकाश घोषित किया है। इसके अलावा, अगले वर्ष के कैलेंडर में ईद और बकरीद पर छुट्टी बढ़ा दी गई है।
Bihar की राजनीति: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय गणना की रिपोर्ट जारी करके 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए "मंडल-कमंडल" की राजनीति की नींव रखी है। जातीय गणना के अनुसार, मुस्लिमों की आबादी बिहार में लगभग 18% है। जातिगत गणना के माध्यम से हिंदू समाज को जातियों में विभाजित करने के बाद, नीतीश सरकार अब मुसलमानों पर भेदभाव करती नजर आती है। बिहार सरकार ने अब ध्रुवीकरण के इस खेल में जो निर्णय लिया है, उसने पटना से दिल्ली तक हड़कंप मचा दिया है। वास्तव में, बिहार शिक्षा विभाग ने सोमवार (27 नवंबर) को 2024 के लिए छुट्टी का कैलेंडर जारी किया। इसमें शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को रविवार की जगह मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में सरकारी छुट्टी घोषित की है।
बिहार के शिक्षा विभाग ने शुक्रवार, जुमे के दिन, उर्दू स्कूलों और मुस्लिम बहुल इलाकों में अवकाश घोषित किया है। इसके अलावा, अगले वर्ष के कैलेंडर में ईद और बकरीद पर छुट्टी बढ़ा दी गई है। ईद-बकरीद पर पहले दो दिन की छुट्टी थी, लेकिन अब तीन दिन की छुट्टी दी जाती है। इसके अलावा मुहर्रम पर दो दिन, शब-ए-बारात, चेहल्लुम और हजरत मोहम्मद साहब की जयंती पर एक-एक दिन की छुट्टी होगी।
मुस्लिम त्योहारों पर छुट्टियां बढ़ाने से कोई आपत्ति नहीं होती, अगर हिंदू त्योहारों में छुट्टियां नहीं कटाई जाती। शिक्षा विभाग ने अब राखी, तीज, रामनवमी, महाशिवरात्रि, जीतिया और जन्माष्टमी की छुट्टी को समाप्त कर दिया है। होली पर दो दिन और दिवाली पर एक दिन की छुट्टी है। किंतु दूर्गा पूजा और छठ पूजा दोनों पर तीन-तीन दिन की छुट्टी है। वहीं गर्मी की छुट्टी दो सौ दिन से तीस दिन कर दी गई है।
नीतीश सरकार ने पहले भी कई निर्णय सिर्फ मुस्लिम जनसंख्या को ध्यान में रखकर किए हैं। नीतीश सरकार ने पहले मुस्लिम समाज की तलाकशुदा महिलाओं को 25 हजार रुपये देने का प्रस्ताव बनाया था। इस योजना से 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को लाभ मिलता है। विवाहित मुस्लिम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस कार्यक्रम में 25 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है। हिंदू महिलाओं को इस योजना से लाभ नहीं मिलेगा।
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