UP के इस जिले दर्जनों दुकानें व मकान पर फिर चला बुलडोजर, अवैध कब्जे पर बड़ी कार्यवाही 
 

UP News : यूपी के गोंडा जिले में कई दुकानें और घरों को जमींदोज कर दिया गया। यहां प्रशासन ने लगातार दूसरे दिन भी जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देश पर पूरे दिन काम किया।

 

UP News : गोंडा जिले में लखनऊ रोड पर दीवानी कचहरी चौराहे पर कई दुकानों और घरों को ध्वस्त कर दिया गया है। एक घर के दो या तीन फीट के अवैध कब्जे के दायरे में आने पर उसके मालिक को खुद से हटाने का समय दिया गया है। डीएम नेहा शर्मा के निर्देश पर यहां प्रशासन ने पूरे दिन काम किया। माना जाता है कि इस चौराहे के निकट नजूल की जमीन पर दशकों से लोगों ने अवैध कब्जा करके पक्के मकान, दुकानें आदि बनाए हैं। तहसील प्रशासन, पालिका, पीडब्ल्यूडी और भारी संख्या में कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में सुबह उसे जेसीबी लगाकर धराशायी कर दिया गया।

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ऐसे समय पर रणनीति बदली गई: पालिका ने दीवानी कचहरी चौराहे पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए पिछले जुलाई से पहले से कब्जेदारों को सूचना दी जाती रही। कई बार घोषणा भी की गई। लेकिन अवैध कब्जे को हटाने की चर्चा यहां लगभग नहीं हुई। सामने से बहुत कुछ हटाकर खाना खाते रहें। पालिका अधिकारियों का कहना है कि नोटिस में अवैध कब्जे का भी उल्लेख है। बताया गया है कि जब गुरुवार सुबह प्रशासन की टीम बल सहित वहां पहुंची, तो सभी दुकानें खुली थीं, सिर्फ मार्किंग टीन शेड और दुकान के हिस्से को छोड़कर अवैध कब्जे के मकान को ढहा दिया गया था।

साढ़े तीन दशक से निरंतर हस्तक्षेप: तीन दशक से दीवानी कचहरी चौराहे के इस उत्तरी छोर पर अतिक्रमण होता रहा, लेकिन संबंधित विभाग चुप रहे हैं। पीडब्ल्यूडी और पालिका ने चेतावनी नहीं दी, बल्कि अधिकारियों की आड़ में इस जमीन को अभिलेखों और कागज बनाने के नाम पर कई कर्मचारियों ने उगाही की। यहां तक कि दशकों से अधिक लोगों ने नजूल जमीन को फ्री होल्ड कराने के लिए आवेदन कर रहे हैं। मौके पर कई लोग फ्री होल्ड होने की पहली किस्त की रसीद और प्रस्ताव भी लेकर आए थे। 

लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं होने पर अधिकारियों ने उन्हें टाल दिया। पीड़ितों का दावा है कि उन लोगों ने कई बार नजूल जमीन को स्वतंत्र रखने की कोशिश की, लेकिन कहीं सुनी नहीं गई। वहीं रसूखदार लोगों को फ्री में रखा गया था। एसडीएम सदर सुशील कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट चन्द्रशेखर, सीओ सिटी विनय कुमार सिंह, नगर कोतवाल राजेश कुमार सिंह और पीडब्ल्यूडी के एई डीके सिंह और राजस्व टीम गुरुशरन और रघुनाथ तिवारी भी मौजूद थे।

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महिलाएं और नौनिहाल घर गिरते देख रोने लगे: दीवानी चौराहे पर कई लोग भी रहे, जिनके जीवन का सबसे बड़ा सामान दुकान और घर था। बुलडोजर चलने से पहले पुलिस ने घर खाली कर लिया और महिलाओं और बच्चों को बाहर निकाला गया। लेकिन वे अपना घर गिराते देखा तो महिलाएं और बच्चे रोने लगे। कई लोग भी भावुक हो गए, जिसमें उनकी वर्षों की यादें सिमटी हुई थीं।

दो पीड़ितों को तत्काल ही आसरा आवास दिए

अभियान के दौरान लोगों की दुकानें और घर धराशायी होने से चार परिवार बेसहारा हो गए। मौके पर जानकारी मिलने पर अधिकारियों को उन्हें आसरा आवास देने की सिफारिश की गई। सिटी मजिस्ट्रेट चन्द्रशेखर ने बताया कि हनुमान गोस्वामी और बजरंगी गोस्वामी को घर दिया गया था, और पीड़ित परिवारों को वहीं भेजा गया था। ईओ संजय कुमार मिश्रा ने बताया कि अन्य दो परिवारों को भी आसरा आवास देने की प्रक्रिया चल रही है।