राजस्थान में 2030 तक बनेंगे 1361 किमी. के 5 नए एक्सप्रेसवे, इन शहरों को मिलेगी हाईस्पीड कनेक्टिविटी

राजस्थान में प्रदेश सरकार 2030 तक 1361 किलोमीटर के पांच नए एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा कर लेगी. जिससे 10 से ज्यादा शहरों को आपस में जोड़ने के लिए हाई स्पीड कनेक्टिविटी मिल जाएगी. प्रदेश सरकार में एक्सप्रेसवे की निर्माण कार्य से पहले डीपीआर बनाने का कार्य कर रही है.
 
राजस्थान में 2030 तक बनेंगे 1361 किमी. के 5 नए एक्सप्रेसवे, इन शहरों को मिलेगी हाईस्पीड कनेक्टिविटी

Expressway in Rajasthan: राजस्थान में आने वाली कुछ दिनों में जो नई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है. फिलहाल लोक निर्माण विभाग 8 नई एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर रहा है. अधिकारियों के मुताबिक, दिसंबर से इन एक्सप्रेसवे की डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. राजस्थान में निर्माण किए जाने वाले 9 एक्सप्रेसवे पर 30000 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी. पिछले दिनों बजट के दौरान प्रदेश में वित्त मंत्री दिया कुमारी ने 2756 किलोमीटर की कुल लंबाई के 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाने की घोषणा की थी. प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक 2020 तक इन न एक्सप्रेस में से 5 को बनाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. इन पांच एक्सप्रेसवे की लंबाई 1361 किलोमीटर होगी.

प्रदेश में खुलेंगे विकास के नए आयाम 

राजस्थान में 9 एक्सप्रेसवे प्रदेश में विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे. इन एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद राजस्थान के कई जिलों की आपसी कनेक्टिविटी तो मजबूत होगी ही लेकिन मध्य प्रदेश, यूपी, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों के साथ वाहन चालकों को हाई स्पीड कनेक्टिविटी भी मिल जाएगी. डीपीआर निर्माण का कार्य पूरा करने के लिए 8 से 12 महीना का समय लग सकता है. फिलहाल सरकार अगले 6 सालों में पांच एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य है पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. परंतु पीडी सभी डीपीआर को एक साथ पूरा करना चाहता है. ताकि उन्हें भूमि अधिग्रहण के लिए पूरा समय मिल सके.

कहां से कहां तक मिलेगी कनेक्टिविटी 

प्रदेश में बनने वाले पहले 5 एक्सप्रेसवे जयपुर जोधपुर पचपदरा एक्सप्रेसवे, कोटपूतली से किशनगढ़ एक्सप्रेसवे और जयपुर से भीलवाड़ा एक्सप्रेसवे, बीकानेर से कोटपूतली एक्सप्रेसवे, ब्यावर से भरतपुर जयपुर जोधपुर एक्सप्रेसवे शामिल है, का काम 2030 तक पूरा करने के लक्ष्य को लेकर सरकार कार्य कर रही है. प्रदेश में इन एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य को शुरू करने से पहले बड़ी मात्रा में भूमि की आवश्यकता पड़ेगी. यह एक्सप्रेस वे जहां से गुजरेंगे उन शहरों और गांवों में कनेक्टिविटी तो मिलेगी बल्कि रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे. राजस्थान के इतिहास में पहली बार एक साथ 9 एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा.