Central Government Employees : केंद्रीय कर्मचारियों पर सख्त हुई सरकार, जारी हुए नए नियम
Government employees latest update : ये खबर आपके लिए है अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में सख्त नियम बनाए हैं जो कर्मचारियों को ऑफिस आने और जाने का समय बताते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि कर्मचारियों को दफ्तर से लेट जाना या जल्दी घर जाना महंगा पड़ने वाला है। केंद्रीय सरकार ने कार्यालयों में लेटलतीफी करने वाले सरकारी बाबुओं को दंडित करना शुरू कर दिया है। नीचे खबर में जानें:
The Chopal, Government employees latest update : अब सरकारी दफ्तरों में समय पर आना-जाना पहले से ज्यादा महत्वपूर्ण है। केंद्रीय सरकार ने देर से आने वाले और जल्दी जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है। सरकार ने कहा कि ऐसे कर्मचारियों को अब आदत बदलनी होगी (सरकार के कर्मचारियों की खबरें), क्योंकि सरकार समय पालन में लापरवाही नहीं बर्दाश्त करेगी।
नई दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी केंद्रीय कर्मचारियों को सुबह 9:15 बजे तक कार्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। अगर देरी होती है, तो 15 मिनट की छूट भी मिल सकती है। साथ ही, प्रत्येक कर्मचारी को बायोमेट्रिक उपस्थिति सिस्टम में अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। अब सभी को बायोमेट्रिक पंच (biometric punch) चाहिए, चाहे वे जूनियर हों या सीनियर। कोरोनावायरस महामारी के बाद, कुछ सरकारी कर्मचारी बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम का उपयोग नहीं कर रहे थे, लेकिन अब हर कर्मचारी को नियमित रूप से इसका उपयोग करना चाहिए।
अब ऑफिस लेट आने पर हाफ डे होगा
सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के समय पालन के लिए कड़े नियम बनाए हैं। अब सभी कर्मचारियों को सुबह 9:15 बजे तक कार्यालय पहुंचना होगा। अगर कोई कर्मचारी देर से आता है, तो उसे पूरी छुट्टी दी जाएगी। साथ ही, सभी कर्मचारियों को आधार से जुड़े बायोमेट्रिक सिस्टम (biometric system) से अटेंडेंस लगानी होगी, जो कोरोनावायरस महामारी के दौरान बंद हो गया था। यदि कर्मचारी कार्यालय नहीं आ सकते हैं, तो इसकी पूर्व सूचना दी जाएगी। सभी विभागों के अधिकारियों को कर्मचारियों की उपलब्धता और समय सीमा की निगरानी करनी होगी।
केंद्र सरकार के सभी दफ्तर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहते हैं। लेकिन जूनियर कर्मचारी देर से आते हैं और जल्दी चले जाते हैं। ऐसा करने वालों में पब्लिक-फेसिंग जॉब वाले कर्मचारी भी शामिल हैं, जो देर से आते हैं और जल्दी चले जाते हैं, जो लोगों को असुविधा देते हैं।
ये बहाना "हम दूर से आते हैं, तो लेट जाते हैं" नहीं चलेगा।
साथ ही, वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि उनके पास ऑफिस आने का कोई निश्चित समय नहीं है और वे अक्सर शाम को 7 बजे के बाद चले जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोनावायरस के बाद अक्सर छुट्टियों या वीकऑफ में घर से काम करना पड़ता है क्योंकि वे इलेक्ट्रॉनिक फ़ाइलों के पास हैं। 2014 में मोदी सरकार ने कर्मचारियों को समय पर आने का आदेश दिया था, लेकिन वे इसका विरोध करते थे। बहुत से कर्मचारियों ने कहा कि वे बहुत दूर से आते हैं।
अब बायोमेट्रिक अटेंडेंस भी महत्वपूर्ण है
साथ ही, आधार सक्षम बायोमेट्रिक सिस्टम (BIometric system) की निगरानी की गई ताकि लोग समय पर दफ्तर आ रहे हैं या नहीं। लेकिन कोरोनावायरस महामारी ने इस प्रणाली को बंद कर दिया। वहीं, कई वरिष्ठ अधिकारियों ने अटेंडेंट लगाने के लिए लाइन में खड़े होने से बचने के लिए अपनी टेबल पर बायोमेट्रिक उपकरण लगाए हुए थे।
लेटलतीफी करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
केंद्रीय सरकार ने दफ्तर में देर से आने और जल्दी जाने की आदत पर कड़े नियम बनाए हैं। पिछले साल से ही बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य था, जो फरवरी 2022 में फिर से शुरू हुआ। सरकार ने कहा कि देर से आने या समय से पहले छोड़ने वाले कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
इस नए आदेश से उन कर्मचारियों के लिए जो अक्सर सुबह 10 बजे या उसके बाद आते हैं और अपनी मर्जी से घर चले जाते हैं, उनके लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं। अब सभी कर्मचारियों को तय समय पर बायोमेट्रिक उपस्थिति का विवरण देना होगा। सरकार ने कर्मचारियों में अनुशासन बनाए रखने और उनकी जिम्मेदारियों को बढ़ाने का प्रयास किया है, जिससे सरकारी कामकाज में सुधार हो सके।