नोएडा के इस इलाके में सस्ती मिल जाती है प्रॉपर्टी, खरीदने वालों के लिए सही जगह

UP News : आज के समय में प्रॉपर्टी में निवेश करना सबसे ज्यादा सेफ माना जाता है। लेकिन पिछले कुछ सालों में प्रॉपर्टी की कीमतें इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि आम आदमी इसको खरीदने के बारे में सोच भी नहीं सकता। प्रॉपर्टी की कीमतों में अविश्वसनीय उछाल देखने को मिला है। 

 

Uttar Pradesh News : आज के समय में शहरों से लेकर गांव तक जमीनों की कीमतों में तगड़ी बढ़ोतरी हुई है। जो प्रॉपर्टी 5 साल पहले 70 से 80 हजार रुपए प्रति मीटर में मिल जाती थी, आज के समय में उसकी कीमत डेढ़ लाख से 2 लाख के बीच है। उत्तर प्रदेश के नोएडा में प्रॉपर्टी खरीदना हर किसी के बस का सौदा नहीं है। पिछले 5 सालों में प्रॉपर्टी की कीमतों में बेहिसाब उछाल देखने को मिला है।

जमीन के रेट में अविश्वसनीय वृद्धि

अब, चाहे शहर हो या गांव, संपत्ति की कीमतें आसमां छूती नजर आती हैं। राजधानी दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर में लोगों का कहना है कि आदमी सिर्फ सोना खरीद सकता है. लेकिन इस समय प्लॉट नहीं खरीद सकता। बीते पांच सालों में जमीन के रेट में अविश्वसनीय वृद्धि हुई है। ग्रेनो में फिल्म सिटी प्रोजेक्ट और जेवर एयरपोर्ट का निर्माण शुरू होने के बाद प्रॉपर्टी रेट ने तेजी से उछाल भरी है।  इसके बावजूद, कुछ जगहों पर प्रॉपर्टी की कीमत आपके बजट में है। चलिए जानते हैं।

कोविड से पहले ग्रेनो, नोएडा में 50 हजार मीटर जमीन मिलती थी। लेकिन आज उसकी कीमत एक लाख से डेढ़ लाख से अधिक है। 15ए सेक्टर नोएडा का सबसे महंगा क्षेत्र है। जहां प्रति मीटर प्लॉट साढ़े तीन लाख रुपए से 7 लाख रुपए तक की कीमत है। व्यापार के लिए, सेक्टर 104 हाजीपुर और उससे सटे हुए रिहायशी सेक्टर 100, 99 और 98 सहित आसपास की जगह काफी महंगी है। साथ ही नोएडा के किसी भी क्षेत्र में एक लाख रुपए प्रति मीटर से अधिक की जमीन की कीमत नहीं है।

यहाँ सस्ते घर मिलेंगे

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में चार मंदिरों (एक मंदिर और तीन मंदिर) के आसपास क्षेत्र और शहर के रेट डेढ़ से दोगुने हो गए हैं।  वहीं, ग्रेटर नोएडा ईस्ट या यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के आसपास की जमीन की कीमतें बहुत अधिक बढ़ गई हैं।  कोरोना पेंडेमिक से पहले, जमीन प्रति मीटर 70 से 80 हजार रुपये थी। 2022 के बाद, यह भी एक से डेढ़ लाख रुपये प्रति मीटर हो गया। लेकिन लाल डोरे जमीन की बात करें तो यहां जमीन और प्लॉट बहुत सस्ता हैं। इसके अलावा, संपत्ति के पास डेढ़ से दो लाख रुपये प्रति मीटर या अधिक का रेट है अगर वह हाईवे या किसी बड़े परियोजना के निकट है।

ये भी वृद्धि की बड़ी वजह हैं

कोविड के बाद संपत्ति के रेट में वृद्धि हुई ही है। इसके साथ नोएडा राजधानी से सटा हुआ है।  दिल्लीवासी पिछले साल बाढ़ से प्रभावित होकर नोएडा चले गए।  जो इसे भी एक कारण बनाता है। क्योंकि दिल्ली लगातार कन्जेस्टेड हो रही है। लोग वहां से भागकर नोएडा, फरीदाबाद और अन्य जगहों में स्थानांतरित हो रहे हैं।  Property Experts का कहना है कि सेक्टर 143, 250 और 151 में 40 से 50 प्रतिशत की दरें बढ़ी हैं। जबकि सेक्टर 108 और उसके आसपास दस साल पहले 1 लाख रुपए प्रति मीटर के रेट थे, जो 2018 तक सिर्फ 50 हजार रुपए बढ़े। लेकिन 2022 में यह 2 से ढाई लाख प्रति मीटर था। ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन थोड़ी सस्ती है। इसके पीछे की वजह वहां की जमीनों पर लोन नहीं होता है.