Code of Conduct : देशभर में लागू कर दी गई आचार संहिता, पढ़िए किन किन कामों पर पड़ेगा असर 

Code of Conduct : हाल ही में एक रिपोर्ट ने आपको बताया कि चुनाव आयोग का आदर्श आचार संहिता, या मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट, लागू हो गया है जैसे ही लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा की गई है। चलिए जानते है इसके बारे में विस्तार से 

 

The Chopal, Code of Conduct : 2024 लोकसभा चुनावों की घोषणा होते ही चुनाव आयोग का आदर्श आचार संहिता, या मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट, लागू किया गया है। राजनीतिक दल देश भर में अभियान चलाकर होर्डिंग, बैनर और पोस्टर उतारे जाएंगे। यही नहीं, सरकारी योजनाओं के पोस्टर भी हटेंगे। चुनाव आयोग को सीधे आचार संहिता उल्लंघन की सूचना की जा सकती है।

आयोग इस पर जल्दी कार्रवाई करने वाला है। बता दें कि जहां सरकारी अधिकारी आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं और लोगों में जानकारी की कमी का फायदा उठाते हैं। वहीं, कुछ लोगों का गलत विचार है कि आचार संहिता सिर्फ राजनीतिक पार्टियों और नेताओं पर लागू होती है। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं, तो सावधान रहें।

राजनीतिक नेता या पार्टी का सदस्य ही नहीं, आम आदमी भी आचार संहिता का उल्लंघन करने पर जेल की हवा खा सकता है। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि इस दौरान सभी सरकारी कार्य बंद नहीं होंगे। लिहाजा, आपको नियमों का ज्ञान होना चाहिए अगर कोई सरकारी अधिकारी आपको काम करने से मना कर देता है। याद रखें कि आचार संहिता लागू होने के बाद आपकी जिंदगी से जुड़े महत्वपूर्ण काम किसी भी सूरत में नहीं रुकेंगे। आपको आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए पता है।

आचार संहिता लागू होने के बाद भी कौन-से कार्य नहीं रुकेंगे—

आप आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी पेंशन के लिए सरकारी कार्यालय जा सकते हैं। कोई अधिकारी इसे रोक नहीं सकता। वहीं, इस दौरान जाति प्रमाण पत्र और आधार कार्ड भी बनाए जाएंगे। बिजली-पानी और साफ-सफाई से जुड़े कार्य निरंतर चलेंगे। वहीं, आप इलाज के लिए धन देने से पूरी तरह स्वतंत्र रहेंगे। सड़कों की मरम्मत का कार्य प्रशासन को जारी रखना चाहिए। इसके अलावा, अभी चल रहे किसी भी प्रोजेक्ट पर रोक नहीं लगेगी। आपके आवश्यक कार्यों को कोई अधिकारी आचार संहिता का बहाना बनाकर नहीं टाल सकता। यदि आपने पहले ही मकान के नक्शे के लिए आवेदन किया है तो वह आपके पास होगा। इसके लिए, हालांकि, नए आवेदन नहीं लिए जाएंगे।

आदर्श आचार संहिता में पूरी तरह से बाहर रहेंगे:

चुनावों की तारीख घोषित होने के बाद और आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी नेता या अधिकारी सार्वजनिक उद्घाटन या शिलान्यास नहीं कर सकता। नए कामों की स्वीकृति भी नहीं दी जा सकेगी। जिन क्षेत्रों में आचार संहिता लागू होगी, वहां सरकार की उपलब्धियों के होर्डिंग नहीं लगेंगे। वहीं पहले से लगे होर्डिंग हटा जाएंगे। शासकीय दौरे संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में नहीं होंगे। सरकारी गाड़ी में सायरन नहीं होंगे। प्रधानमंत्री, मुख् यमंत्री, मंत्री और राजनीतिक हस्तियों की फोटो सरकारी भवन में लगाने पर प्रतिबंध रहेगा।

सरकार की उपलब्धियों का प्रचार प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया में कोई भी व्यक्ति नहीं कर सकेगा। आम लोग भी इस दौरान सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय सावधान रहें। आपकी एक पोस्ट पर्याप्त है कि आपको जेल में डाल दें। कोई भी मैसेज लिखने या शेयर करने से पहले आचार संहिता के नियमों को पढ़ें।

किन मामलों में आम आदमी भी जेल जा सकता है

अगर कोई आम आदमी भी इन नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उस पर भी आदर्श आचार संहिता के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीधे शब्दों में, अगर आप किसी नेता के प्रचार अभियान में शामिल हैं तो आपको इन नियमों को जानना होगा। अगर आपको कोई राजनेता इन नियमों के खिलाफ कार्य करने को कहता है, तो आप उसे आचार संहिता बताकर ऐसा करने से इनकार कर सकते हैं। यदि आपने आचार संहिता का उल्लंघन किया, तो आपके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। ज्यादातर बार आपको गिरफ्तार कर लिया जा सकता है।

उम्मीदवार-पार्टियों के लिए नियम, कब जेल में डाल सकते हैं

2024 के लोकसभा चुनावों के लिए चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार मतदाताओं को खुश करने वाली कोई घोषणा नहीं कर सकती। राज्यों में चुनाव की तारीखें घोषित होने के साथ ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। याद रखें कि आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना हर पार्टी और प्रत्याशी को अनिवार्य है। इन्हें तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। प्रत्याशी को चुनाव में भाग लेने से रोका जा सकता है। एफआईआर दर्ज करने के बाद उम्मीदवार जेल भी जा सकते हैं।

मतदान से 24 घंटे पहले और मतदान वाले दिन की शर्तें

चुनाव प्रचार मतदान केंद्र से 100 मीटर के दायरे में किया जाएगा। मतदान से 24 घंटे पहले से किसी भी प्रकार की बैठक पर प्रतिबंध रहेगा। पूरे चुनाव के दौरान सरकारी नौकरी नहीं होगी। चुनाव के दौरान प्रत् याशी शराब बांटते हैं। वोटर्स को शराब देना भी आचार संहिता के खिलाफ है। रोड शो, रैली या किसी दूसरी वजह से यातायात को बाधित करना चुनाव अभियान का उल्लंघन है। चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के आसपास चुनाव चिह्न नहीं लगाए जाएंगे। चुनाव आयोग से वैध "गेट पास" लेने वाले ही मतदान बूथ पर जा सकेंगे।

नेता सरकारी संसाधनों का प्रयोग नहीं कर सकते-

मंत्री सरकारी दौरे को लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान इस्तेमाल नहीं कर सकते। सरकारी संसाधन किसी भी तरह से अयोग्य नहीं हो सकते। सरकारी वाहनों और इमारतों का कोई भी सत्ताधारी नेता चुनाव प्रचार या चुनावी दौरों में इस्तेमाल नहीं कर सकता। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें न तो घोषणा, शिलान्यास या लोकार्पण कर सकती हैं। ऐसा आयोजन सरकारी धन से नहीं किया जाता है, जिससे किसी भी दल को लाभ हो। चुनाव आयोग एक पर्यवेक्षक को इसकी निगरानी के लिए नियुक्त करता है।

आम जनता को कोई नेता परेशान नहीं कर सकता—

हर व्यक्ति और राजनीतिक पार्टी को जुलूस, रैली, जनसभा या सभा करने से पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। नजदीकी थाने को भी इसकी सूचना देनी होगी। पुलिस अधिकारियों को पहले से ही बैठक की जगह और समय की जानकारी दी जाएगी। कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार जाति, धर्म या भाषिक समुदायों के खिलाफ हिंसा फैलाना नहीं चाहता। मतदाताओं को परेशान करना और घूस देना प्रत् याशियों और पार्टियों को भारी पड़ सकता है। यही नहीं, चुनाव आयोग किसी नेता पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने पर कार्रवाई कर सकता है।

सभी लोग सार्वजनिक स्थानों का उपयोग कर सकते हैं—

कुछ लोग हेलीपैड, मीटिंग ग्राउंड, बंगले या सरकारी गेस्ट हाउस जैसे सार्वजनिक स्थानों पर अधिकार नहीं जमा सकते। प्रतियोगी इन जगहों को समान रूप से प्रयोग कर सकते हैं। प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों और उनके प्रचारकों को आचार संहिता के अनुसार अपने प्रतिद्वंद्वियों के जीवन का सम्मान करना चाहिए। उन्हें रोड शो या प्रदर्शन करके परेशान नहीं करना चाहिए। मतदान पर्यवेक्षकों को मतदान से संबंधित किसी भी शिकायत की सूचना दी जा सकती है।

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