देश का सबसे बड़ा चोर बाजार, ब्रांडेड सामान मिल जाता आधे दाम से भी कम
India’s Biggest Chor Bazaar: देश भर के प्रसिद्ध मार्केट अक्सर सस्ते सामान के लिए लोकप्रिय हैं। वहीं, ब्रांडेड उत्पादों को आधे से कम कीमत में मिलने के कारण चोर बाजार एक बड़ी आबादी को आकर्षित करता है। चोर बाजार हर शहर में नहीं होते। कुछ बड़े शहरों में चोर बाजार लोकप्रिय हैं। क्या आप देश का सबसे बड़ा चोर स्थान जानते हैं? यहां सड़कों पर ब्रांडेड कंपनियों का सामान बिखरा हुआ है। खास बात यह है कि कीमत भी आधी है। मोबाइल फोन से लेकर जूते-कपड़े तक कई सामान इस बाजार में उपलब्ध हैं। इस बाजार में देश भर से लोग सामान खरीदने आते हैं। खास बात है कि यह बाजार अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है. इस मार्केट का नाम चोर बाजार होने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है.
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दिल्ली, बेंगलुरु और कोलकाता की जगह मुंबई देश का सबसे बड़ा चोर बाजार है। विशेष बात यह है कि यहां दो चोर बाजार हैं, एक देश का सबसे बड़ा चोर बाजार है। मुंबई के किस इलाके में यह चोर बाजार स्थित है?
‘डेढ़ गली बाजार’ कहां है?
मुंबई के दो सबसे प्रसिद्ध चोर बाजार कमाठीपुरा और मटन स्ट्रीट हैं। लेकिन, इनमें से एक, कमाठीपुरा की डेढ़ गली में स्थित बड़ा चोर बाजार है। विशेष बात यह है कि यह चोर बाजार 70 साल पुराना है और 1950 में शुरू हुआ था। मुंबई के कमाठीपुरा क्षेत्र में एक छोटी सी गली में चोर बाजार है, जो सुबह चार बजे शुरू होता है और आठ बजे बंद होता है। इस बाजार में सामान खरीदने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है, जो सिर्फ चार घंटे तक चलता है। दरअसल, ब्रांडेड सामान यहां आधी कीमत पर उपलब्ध हैं।
क्यों सामान इतना सस्ता मिलता है?
कई लोग सोचते हैं कि आखिर इतना सामान बाजार में कैसे मिलता है? क्या ये चोरी का सामान हैं? आपको बता दें कि, हालांकि इस शहर का नाम "चोर बाजार" है, इसका मतलब यह नहीं है कि यहां चोरी का सामान मिलता है। दरअसल, इस बाजार में कई मीडिया रिपोर्ट्स ने बताया कि मुंबई के आसपास की छोटी फैक्ट्रियों से थोक में सामान आता है और उसे कम दाम पर बेचा जाता है। इसके अलावा, डेढ़ गली बाजार में कुछ दुकानदार ब्रांडेड कंपनियों से उत्पाद खरीदकर उन्हें यहां बेचते हैं। हालाँकि, चोरी का माल यहां पहले बिकता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
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इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से लेकर कपड़े, फुटवियर और लोगों की जरूरत के अन्य कई सामान मुंबई के इस गुप्त चोर बाजार में मिलते हैं। चीनी उत्पादों को डेढ़ गली बाजार में भी मिल सकता है। डीबी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बाजार में प्रतिदिन 15 से 20 करोड़ रुपए का व्यापार होता है।