Delhi की 3 करोड़ आबादी को घर मुहैया करवाएगा DDA, मास्टर प्लान तैयार
DDA : दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अगले बीस सालों के लिए राजधानी के विकास का खाका तैयार किया है। मास्टर प्लान-2041 के मसौदे में तीन करोड़ आबादी के लिए घर और समावेशी विकास पर जोर दिया गया है। सभी बुनियादी सुविधाओं के विकास में पर्यावरण संरक्षण पर फोकस रहेगा। मास्टर प्लान में नाइट लाइफ, रेस्टोरेंट को लेकर भी प्रावधान किए गए हैं।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में मंगलवार को डीडीए बोर्ड की बैठक में मास्टर प्लान-2041 के मसौदे को मंजूरी दी गई। इसे अब केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी। मसौदे के अनुसार दिल्ली की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए लैंड पुलिंग पॉलिसी, आवासीय और सामाजिक बुनियादी ढांचे के साथ एकीकृत सार्वजनिक स्थान, पुरानी सोसायटी में अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेश्यो देने के साथ हरसंभव विकल्पों का इस्तेमाल कर अतिरिक्त मकानों का निर्माण होगा।
पार्किंग भी कराएंगे मुहैया
डीडीए अपनी सभी आवासीय योजनाओं के साथ पार्किंग भी मुहैया कराएगा। यही नहीं, मास्टर प्लान में अपार्टमेंट, हॉस्टल, पीजी, श्रमिक आवास, किराए के आवास परिसर के विकास का भी प्रस्ताव है। इसके साथ, पुराने मकानों को मौजूदा जरूरतों के हिसाब से दुरुस्त भी किया जा सकेगा।
घर में सुनिश्चित होगा महिलाओं का स्वामित्व
मसौदे के अनुसार आवासीय इकाइयों के आवंटन में पति व पत्नी का नाम साथ-साथ होगा। इससे महिलाओं का स्वामित्व सुनिश्चित हो सकेगा।
प्रदूषण में लाई जाएगी कमी
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मास्टर प्लान में विशेष प्रावधान किया गया है। इसके तहत ज्यादा जोर हरित क्षेत्र के विकास पर रहेगा। हर प्रोजेक्ट के साथ पर्यावरणीय मानकों का ध्यान रखना होगा।
वाहन प्रदूषण में कमी के लिए सार्वजनिक परिवहन के सभी माध्यमों में तालमेल की कोशिश होगी। अंतिम ग्राहक तक कनेक्टिविटी का भी ध्यान रखा गया है।
मसौदे में ई-वाहन चार्जिंग के बुनियादी ढांचे के विकास का भी प्रावधान है। निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने का प्रयास होगा। इससे प्रदूषण स्तर में कमी आएगी।
डीडीए के नये मास्टर प्लान में जीवंत दिल्ली के निर्माण का लक्ष्य-
दिल्ली विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान-2041 को दो खंडों व 10 अध्यायों में विभाजित किया गया है। इसका विजन सतत रहने योग्य और जीवंत दिल्ली को बढ़ावा देना है। इसके अलावा दिल्ली के निवासियों के सुख और भलाई के लिए तीन लक्ष्यों को पूरा किया जाएगा। यह मसौदा नागरिक और स्टेकहोल्डरों की व्यापक भागीदारी के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें सरकारी विभाग, स्थानीय निकाय, आरडब्ल्यूए, ट्रेडर्स और मार्केट एसोसिएशन, एनजीओ, संगठन, प्रोफेशनल्स, विशेषज्ञ आदि शामिल हैं।
दूसरे खंड में स्थानीय विकास, योजना निगरानी, विकास संहिता और विकास नियंत्रण मानदंड के लिए रूपरेखा, जिसमें दिल्ली के भावी विकास के मार्गदर्शन देने के लिए स्थानिक रणनीति, योजना और विकास नियंत्रण मानदंड शामिल है।
इस अध्याय में मास्टर प्लान के लिए योजना निगरानी और मूल्यांकन ढांचे को भी शामिल किया गया है जिसमें प्रगति की निगरानी के लिए प्रमुख कार्य-निष्पादन संकेतक और आवधिक समीक्षा की सुविधा के लिए एक कार्यान्वयन ढांचा शामिल है।
मास्टर प्लान में नाइट लाइफ संस्कृति को बढ़ावा देने का भी इंतजाम है। खाने-पीने और घूमने-फिरने के शौकीन व युवाओं के लिए वाइब्रेंट नाइट लाइफ, रेस्टोरेंट समेत दूसरे कई प्रावधान किया गया है। इससे खान मार्केट, हौज खास सरीखे बाजार देर रात तक गुलजार रहेंगे। मास्टर प्लान में खुली छत पर भी रेस्टोरेंट पहले की अपेक्षा अधिक विस्तृत दायरे में लगाया जा सकेगा। रात की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए विशेष कॉरिडोर की पहचान की जाएगी। इन पर लाइटिंग के साथ सुरक्षा का पर्याप्त इंतजाम रहेगा। नाइट लाइफ के साथ रोजगार सृजन पर भी मास्टर प्लान में ध्यान दिया गया है।
2041 तक तीन करोड़ की होगी आबादी
मास्टर प्लान में डीडीए का अनुमान है कि दिल्ली की 2041 तक की आबादी करीब तीन करोड़ की होगी। 2021 के आधार वर्ष पर अभी यह दो करोड़ से ज्यादा है। 2031 तक यह आंकड़ा 2.48 करोड़ हो जाएगा,जबकि 2036 तक इसके 2.69 करोड़ होने का अनुमान है। मास्टर प्लान में इस आबादी की जरूरतों को ध्यान में रखकर बुनियादी सुविधाओं के विकास का प्रावधान है।
1962 में लागू हुआ था पहला मास्टर प्लान
दिल्ली के लिए पहला मास्टर प्लान 1962 में डीडीए एक्ट 1957 के तहत लागू किया गया था। इन योजनाओं को 20 साल की परिप्रेक्ष्य अवधि के लिए तैयार किया गया है और दिल्ली के नियोजित विकास के लिए एक समग्र ढांचा प्रदान करते हैं। मास्टर प्लान-2041 दिल्ली के भावी विकास को दिशा प्रदान करने के लिए एक ‘कार्यनीतिक’ और ‘सक्षम’ ढांचा तैयार किया गया है।
यह पिछली योजनाओं के कार्यान्वयन से प्राप्त अनुभवों के आधार पर बनाया गया है और विभिन्न परियोजनाओं और स्कीमों के कार्यान्वयन के संबंध में देश भर से प्राप्त अनुभवों पर आधारित है।
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