Delhi के CM अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार, जेल से नहीं चलेगी सरकार, किस के हाथ होगी अब दिल्ली की कमान
 

Delhi Big Update : भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी सुनीता केजरीवाल अरविंद के साथ सरकार के कामकाज को अनौपचारिक रूप से देखती रही हैं. लगभग दस वर्षों से एक राजनीतिक परिवार में शामिल होने के कारण उनकी राजनीतिक समझ पर भी कोई सवाल नहीं है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में सुनीता का नेतृत्व मानते हैं।

 

The Chopal : दिल्ली सरकार और आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पार्टी और सरकार दोनों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। मंत्री आतिशी, जो केजरीवाल कैबिनेट में नंबर दो है, ने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जेल से सरकार चलाएंगे. कहना आसान लगता है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होगा। यह भी व्यवहारिक नहीं लगता। सरकार को एक मुखिया की जरूरत होगी, और पार्टी को एक ऐसा चेहरा चाहिए, जो चुनाव के समय राष्ट्रीय संयोजक की अचानक पैदा हुई कमी को कुछ हद तक दूर कर सके।

पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में बृहस्पतिवार शाम सीएम हाउस में ईडी के पहुंचते ही केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका घर कर गई थी। साथ ही, केजरीवाल के पीछे कौन है, इस बारे में बहस भी शुरू हो गई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री का पहला नाम स्वयं केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का हो सकता है, जबकि आतिशी का नाम कई स्तरों पर चर्चा में है।

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किसके हाथ होगी दिल्ली की सरकार?

सूत्रों के अनुसार, भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी सुनीता केजरीवाल अरविंद के साथ अनौपचारिक रूप से सरकारी कामकाज की निगरानी करती रही हैं. लगभग दस वर्षों से एक राजनीतिक परिवार का सदस्य होने के कारण उनकी राजनीतिक समझ पर भी कोई सवाल नहीं है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में सुनीता का नेतृत्व मानते हैं।

जब राबड़ी ने संभाली थी कुर्सी

पूर्व में बिहार में भी ऐसा हुआ था, जब लालू प्रसाद ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था। ठीक उसी तरह, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम बनाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन उनकी भाभी सीता सोरेन ने इसका विरोध किया, इसलिए परिवार के अनुभवी चंपाई सोरेन को सीएम बनाया गया। हालाँकि, कल्पना सोरेन अब पार्टी का प्रमुख चेहरा बन गई हैं और विधानसभा उपचुनाव में जीतने पर झारखंड की मुख्यमंत्री बनने की भी संभावना है।

पार्टी में भी आतिशी को सीएम बनाए जाने की बहस जोरों पर है। दिल्ली सरकार के सर्वाधिक 14 विभाग आतिशी के पास हैं, जिनमें शिक्षा, पीडब्ल्यूडी और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभाग शामिल हैं। उन्हें पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरह केजरीवाल को सरकार चलाने में बहुत सहयोग करते देखा गया है। प्रमुख विभाग संभालने के अनुभव के कारण, आतिशी को मुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है, पार्टी सूत्रों का मानना है।

केजरीवाल की खड़ाऊं रखकर पार्टी चलाएंगे संदीप

वर्तमान में राज्यसभा सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक, पार्टी संयोजक की गिरफ्तारी के बाद सीधे पार्टी का संचालन करेंगे। हाल ही में राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के आबकारी घोटाले में गिरफ्तार होने और दूसरे राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा के पार्टी कामकाज से दूरी बनाने के बाद से संदीप पाठक ही पार्टी का कार्यभार संभाल रहे हैं। उन्होंने संगठन से लेकर चुनाव तक केजरीवाल के प्रमुख सहयोगी की भूमिका निभाई है। ऐसे में संदीप पाठक पार्टी का नेतृत्व करेंगे और केजरीवाल का पक्ष लेंगे। वही पार्टी के इस कठिन दौर में संगठन की रक्षा करेंगे।

मुश्किल में चुनाव प्रचार और पार्टी विस्तार

मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के बाद पार्टी के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से भविष्य में पार्टी के विस्तार पर संकट पैदा होगा, जिससे दिल्ली समेत कई राज्यों में पार्टी का प्रचार मुश्किल होगा। मौजूदा लोकसभा चुनावों में पार्टी ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और असम में प्रत्याशी उतारे हैं। इसलिए केजरीवाल के बिना इन राज्यों में प्रचार करना पार्टी के लिए घातक होगा।

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