Delhi-Meerut Expressway : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के 5वें चरण का काम करीब डेढ़ साल पिछड़ा
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का पांचवां चरण रिंग रोड से जोड़ा जा रहा है. इसके बनने पर बिजनौर, उत्तराखंड की ओर जाने वाले लोगों को मेरठ के अंदर से नहीं गुजरना पड़ेगा।
Delhi-Meerut Expressway के पांचवें चरण का काम तय समय सीमा से लगभग डेढ़ वर्ष पिछड़ गया है। योजना का काम मार्च 2024 से पहले पूरा होना था, लेकिन एक्सप्रेसवे के लगभग 80% हिस्से में काम पूरी तरह से बंद है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) का कहना है कि अगर आज से काम शुरू किया जाए तो भी यह सितंबर 2025 तक ही पूरा हो पाएगा। ऐसे में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अब काम को पूरी गति से शुरू करें।
NHAI ने मेरठ एक्सप्रेसवे के पांचवें चरण को मंजूरी दी, जो मेरठ के अंदर जाम को कम करेगा और दिल्ली से सीधे उत्तराखंड जाने वाले लोगों को सुविधा देगा। जमीन अधिग्रहण का काम तय समय पर शुरू हुआ, लेकिन काम तय समय तक पूरा नहीं हुआ। कुल 14 किलोमीटर लंबे पांचवें चरण का काम लगभग पूरी तरह से बंद है। स्थानीय निवासियों ने पांचवें चरण के बीच से गुजरने वाले मोहिउद्दीनपुर-खरखौदा मार्ग को एक्सप्रेसवे से सीधे जोड़ने की मांग की है। उनका कहना है कि मोदीनगर-हापुड़ मार्ग को जोड़ा जा सकता है तो फिर इस मार्ग को क्यों नहीं? विरोध प्रदर्शन के दौरान पांचवें चरण का काम लगातार अधूरा रहता है, इसलिए समीक्षा शुरू की गई है।
NHAI के अधिकारियों को बीच का रास्ता खोजने का आदेश दिया गया है, ताकि निर्माण शुरू हो सके, सूत्रों ने बताया है। स्थानीय सांसदों और अन्य जनप्रतिनिधियों ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से कई बार मुलाकात की है कि अगले वर्ष आम चुनाव होंगे। एनएचएआई ने अब गाजियाबाद और मेरठ जिला प्रशासन से कहा कि वे काम को किसी भी समय शुरू कर दें, ताकि काम में अधिक समय नहीं लगे।
जाम से हजारों लोगों को राहत मिलेगी
रिंग रोड जो मेरठ में बनाया जा रहा है, एक्सप्रेसवे का पांचवां चरण बनने पर दिल्ली से बिजनौर, उत्तराखंड की ओर जाने वाले लोगों को मेरठ के अंदर से नहीं जाना पड़ेगा। शुरुआत में अनुमान है कि 50 से 60 हजार वाहनों का दबाव मेरठ शहर के अंदर से कम होगा। साथ ही, हापुड़ रोड से सीधे दिल्ली आने वाले लोगों (मेरठ के पूर्वी और मध्य क्षेत्र से) का भी समय बचेगा।