Delhi Metro : 6 महीनों के आंकड़े देख जान सकते हैं. मेट्रो क्यों है दिल्ली की लाइफलाइन

Delhi Metro Passengers : दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के लिए यह खबर बड़े काम की है, यात्रियों के लिए यह जान लेना जरूरी है कि मेट्रो को दिल्ली की लाइफलाइन क्यों कहा जाता है।
 

Delhi Metro : मेट्रो को दिल्ली की लाइफलाइन कहा जाता है। सुबह यह आप से भी पहले जगकर अपनी ड्यूटी में लग जाती है और देर रात नॉन-स्टॉप चलती रहती है। नौकरीपेशा, कॉलेज या कहीं भी घूमने के लिए यह लोगों की पहली पसंद(people's first choice) है। जाम के साथ यह आपका समय भी बचाती है। इस बीच दिल्ली मेट्रो में रोजाना सफर करने वाले यात्रियों के आंकड़े हैरान करने वाले हैं। पिछले 6 महीने के नंबर्स पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि इसने 2019 की इसी अवधि की तुलना में यात्री सफर में 100% से अधिक की वृद्धि देखी है। जून में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई, जो 114.3% थी।

आंकड़े गवाह हैं

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त 2019 में यात्री सफर 52.4 लाख था,लेकिन अगस्त 2021 में घटकर 23.3 लाख रह गया। अगस्त 2022 में वे बढ़कर 44.8 लाख हुआ और अगस्त में और बढ़कर 59 लाख से अधिक हो गया। इस साल, 2019 के अगस्त की तुलना में 112.5% की वृद्धि देखी गई है। डीएमआरसी अधिकारी ने कहा, 'यह डेटा इस बात का पैटर्न दिखाता है कि कैसे मेट्रो ने अपने कोविड से पहले यात्रियों की संख्या को फिर से प्राप्त किया और पार भी कर लिया है।' इसी तरह, इस साल मार्च, अप्रैल, मई, जून और जुलाई में 2019 की इसी अवधि की तुलना में क्रमशः 109.9%, 106.9%, 111.3%, 114.3% और 108.1% की यात्री यात्रा में वृद्धि हुई है।

टीचर्स डे पर 71 लाख से अधिक लोगों ने किया सफर

दिल्ली मेट्रो ने 5 सितंबर को अपने अब तक के सर्वाधिक 71 लाख लोगों ने सफर किया था। इस आंकड़े ने पिछले रिकॉर्ड को महज 6 दिनों में ही तोड़ दिया। 29 अगस्त को एक दिन में 69.9 लाख लोगों ने दिल्ली की लाइफलाइन में सफर करना चुना था। DMRC के प्रमुख कार्यकारी निदेशक (कारपोरेट संचार) अनुज दयाल के अनुसार, 'यह उपलब्धि डीएमआरसी (DMRC) के समर्पित कर्मचारियों, दिल्ली-एनसीआर के निवासियों के समर्थन और सुरक्षित, कुशल और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन सेवाएं प्रदान करने के प्रति समर्पण का उदाहरण है। डीएमआरसी यात्री सुरक्षा और आराम को प्राथमिकता देते हुए दिल्ली-एनसीआर में कनेक्टिविटी को बढ़ाता है। यह मील का पत्थर हमारे मिशन को सुलभ, विश्वसनीय और टिकाऊ परिवहन समाधान प्रदान करने के लिए रेखांकित करता है।'

कोविड के दौरान घट गई थी यात्रियों की संख्या

आंकड़ों की बात करें तो दिल्ली मेट्रो ने 2020 में कोविड-19 के लॉकडाउन और उसके बाद एक बड़ी गिरावट देखी थी। लॉकडाउन के कारण मेट्रो सेवाएं 22 मार्च 2020 से 6 सितंबर 2020 तक और 10 मई 2021 से 6 जून 2021 तक निलंबित कर दी गई थीं। लगभग दो साल तक मेट्रो ट्रेनें कम क्षमता के साथ चलती रहीं। इसे 2022 में दोबारा 100% बैठने और खड़े होने की क्षमता के साथ शुरू कर दिया था। पिछले साल 25 फरवरी को, DDA ने मेट्रो परिसर और ट्रेनों में मास्क पहनने के अलावा सभी कोविड-19 प्रतिबंधों को हटा दिया था। प्रतिबंधों ने सबसे पहले दिल्ली मेट्रो को ही प्रभावित किया था।

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